CRIME;1-2 नहीं 13 गोलियों से हुआ कुख्यात गैंगस्टर अमन का अंत, एटीएस की टीम ने 38 राउंड गोली चलाई
अमन साव

रांची, झारखंड के पलामू जिले में कुख्यात गैंगस्टर अमन साव उर्फ अमन साहू पुलिस एनकाउंटर में मारा गया. गैंगस्टर ने सिर्फ 17 साल की छोटी सी उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था. चंद दिनों में झारखंड समेत पड़ोसी राज्यों छत्तीसगढ़, ओड़िसा में उसका खौफ फैल गया था. सोमवार को पुलिस उसे जेल से लेकर निकली थी, दावा है कि इसी बीच पलामू जिले के चैनपुर और रामगढ़ थाना के बीच अन्हारी ढोढा गांव के पास अचानक पुलिस टीम पर हमला हो गया. अमन ने पुलिस की बंदूक छीनकर भागने की कोशिश की और जवाबी फायरिंग में उसकी मौत हो गई.
अमन साव को लगी 12 से 13 गोली
अमन साव और एटीएस की टीम के बीच मुठभेड़ में एक सिपाही राकेश पासवान भी घायल हो गया. हालाकि राकेश पासवान फिलहाल खतरे से बाहर है. वहीं सूत्रों के हवाले से जो बातें निकलकर सामने आ रही है. एटीएस की टीम द्वारा जवाबी कारवाई में 12 से 13 गोलियां लगी है.जो की उसके पीठ, पैर और पेट में लगी है.
एटीएस इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार सिंह के लिखित आवेदन पर एफआईआर दर्ज
चैनपुर थाना प्रभारी श्रीराम शर्मा ने लोकल18 को बताया कि एटीएस इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार सिंह के लिखित आवेदन पर एफआईआर 40/25 दर्ज किया गया है, जिसमें की 21 अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया गया है. मंगलवार को एटीएस की टीम छत्तीसगढ़ के रायपुर से गैंगस्टर अमन साहू को लेकर रांची के होटवार जेल जा रही थी. इसी क्रम में पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के अंधारी ढोढा के अपराधियों ने हमला किया और अमन साहू को छुड़ाने की कोशिश की, उसी दौरान अमन साहू मारा गया था.
एटीएस की टीम के तरफ से चली 38 गोली
आगे बताया कि अमन साहू एनकाउंटर मामले में एटीएस की ओर से 38 राउंड गोली चली. वहीं उनका एक जवान भी जख्मी भी हो गया. जख्मी जवान की हालत अब खतरे से बाहर है और उसका इलाज मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में हो रहा है. घायल जवान राकेश पासवान है, जो कि अब सुरक्षित है. पुलिस को मौके पर से दो जिंदा बम भी बरामद हुआ, जिसे जगुआर के टीम के द्वारा डिफ्यूज किया गया.
क्या है पूरी घटना?
अमन साहू को एनआईए कोर्ट रांची में पेशी था, जिसके लिए उसे छत्तीसगढ़ से रांची ले जाया जा रहा था. 11 मार्च को उसे स्कॉर्पियो गाड़ी में बैठाया गया और दो गाड़ी आगे पीछे स्कॉट कर रही थीं. पूरी टीम उस रात रायपुर, अंबिकापुर, रामानुजगंज, रमकंडा के रास्ते होते हुए रांची के लिए निकला था. 11 मार्च को जब पूरी टीम पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के अंधारी ढोढा के पास पहुंचे ही थे कि पूरब दिशा से 6-7 की संख्या में अज्ञात अपराधियों के द्वारा भारी बमबारी एवं ताबड़तोड़ फायरिंग होने लगी थी. हमलावर हथियार छीनना और सभी की जान मारने की नियत रखते थे.
बता दें कि पूर्व की ओर से अचानक फायरिंग होने के बाद जवानों ने अमन साहू को बहकाती हुए गाड़ी के पश्चिम दिशा से उतरा और जवाबी फायरिंग भी करने लगे.ऐसे में एटीएस की टीम ने चिल्ला कर अपना परिचय भी दिया, लेकिन फिर भी हमला जारी था. इस दौरान मौके का फायदा उठाते हुए जवान विजय कुमार का इंसास रायफल लूटकर हमलावर के तरफ भागने लगा. इतना हीं नहीं पुलिस टीम द्वारा चेतावनी देने के बावजूद भागता रहा. इस दौरान अमन साहू के टीम फायरिंग करते रहे.
इस विपरीत परिस्थितियों में गाड़ी के नीचे से पोजीशन लेते हुए जवानों ने जवाबी कार्रवाई की. एटीएस इंस्पेक्टर गाड़ी से 20 से 25 मीटर आगे स्कॉर्पियो में थे और चिल्ला कर जवानों का हौसला बढ़ा रहे थे. जवानों को विपरीत परिस्थितियों में देखते हुए उन्होंने साहस के साथ मिलकर मुंह तोड़ जवाबी कार्रवाई शुरू की.इस जवाबी कारवाई में अमन साहू ढेर हो गया.