Uncategorized

TIHAR

महासमुंद, “सुशासन तिहार“ के अंतर्गत महासमुंद जिले में नागरिकों की समस्याओं के समाधान के लिए 8 अप्रैल से प्रारंभ अभियान में कल 11 अप्रैल तक तीन दिनों में 81 हजार 357 की संख्या में आवेदन प्राप्त हुए हैं, प्राप्त आवेदनों 79642 आवेदन विभिन्न माँग के संबंध में और 1715 शिकायत संबंधी है। प्रत्येक आवेदन को पोर्टल में पंजीकृत कर ऑनलाइन अपलोड किया जा रहा है। आवेदनकर्ता को भी पावती दी गई है। आवेदन संबंधित विभाग को निराकरण हेतु भेजे जा रहे है। अंतिम दिन भी लोगों में आवेदन जमा करने जोश और उत्साह देखेने को मिला।
जिले के विभिन्न जनपद और नगरीय निकायों से प्राप्त आवेदनों की संख्या इस प्रकार रही। जनपद पंचायत महासमुंद में 25872, जनपद पंचायत सरायपाली में 13482, जनपद पंचायत पिथौरा में 14741, जनपद पंचायत बागबाहरा में 13550 और जनपद पंचायत बसना में 10619 आवेदन प्राप्त हुए।

इसी प्रकार से नगरीय निकायों से प्राप्त आवेदनों में नगर पालिका परिषद महासमुंद अंतर्गत 262 आवेदन, नगर पालिका परिषद सरायपाली में 397, नगर पालिका परिषद बागबाहरा में 432, नगर पंचायत तुमगांव में 146, नगर पंचायत बसना में 1048, नगर पंचायत पिथौरा में 683 और कलेक्टर कार्यालय महासमुंद में 125 आवेदन प्राप्त हुए।

जिला प्रशासन द्वारा जिला मुख्यालय, ब्लॉक मुख्यालयों, एवं ग्राम पंचायतों में समाधान पेटियों की व्यवस्था की गई है ताकि ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों के लोग अपनी समस्याएं आसानी से दर्ज कर सकें।आवेदन प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए पंचायत एवं नगरीय निकाय कार्यालयों में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, जिससे आमजन को आवेदन भरने में किसी प्रकार की परेशानी न हो।
प्राप्त आवेदनों को डिजिटली प्रविष्ट कर संबंधित विभागों को भेजा जाएगा और एक माह के भीतर समस्याओं का समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। सुशासन तिहार के तीसरे चरण में, प्रत्येक जिले की 8 से 15 ग्राम पंचायतों में समाधान शिविर आयोजित किए जाएंगे। नगरीय निकायों में भी आवश्यकता अनुसार शिविर लगाए जाएंगे, जहां लोगों को उनके आवेदन की वर्तमान स्थिति की जानकारी दी जाएगी और मौके पर त्वरित समाधान का प्रयास किया जाएगा। शेष समस्याओं का समाधान एक माह के भीतर कर सूचना दी जाएगी। इस अभियान में सांसद, विधायक, मुख्यमंत्री, मंत्री, मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं। वे शिविरों में सीधे जनता से संवाद कर योजनाओं के क्रियान्वयन का फीडबैक लेंगे और औचक निरीक्षण के माध्यम से विकास कार्यों की गुणवत्ता और प्रगति का मूल्यांकन भी करेंगे।

Related Articles

Back to top button