राज्यशासन

SC-ST; नौकरी नहीं होने से लड़के-लड़कियों की नहीं हो रही शादी,समाज के लोग भी दुखी

मांग

0 छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति और जनजाति के पदाधिकारियों ने सरकार के सामने रखी 9 सूत्रीय मांग

रायपुर, संविधान के हीरक जयंती वर्ष में सवैधानिक अधिकारों के लिए छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति और जनजाति के पदाधिकारियों ने सोमवार को राज्यस्तरीय आमसभा कर अपनी 9 सूत्रीय मांगों से अवगत किया। पदाधिकारियों ने दुखी मन से कहा किनौकरी नहीं होने से लड़के-लड़कियों की शादी नहीं हो रही है। इससे न केवल माता-पिता बल्कि पूरा परिवार एवं समाज व्यथित है।

आमसभ के बाद छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति राज्य के आरक्षित अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन एवं सामाजिक संगठनों ने शहीद स्मारक भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिसमें कई बिंदुओं पर विस्तार से जानकारी दी गई. इसके तहत पदोन्नति में आरक्षण का लाभ दिए जाने, विशेष भर्ती अभियान चलाने, फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर आरक्षण का लाभ ले रहे लोगों को नौकरी से निकलने सहित कई मुद्दों पर चर्चा की गई.

छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल आरक्षित वर्ग अधिकारी कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष आर एल ध्रुव ने  कहा “आज हम जिस पद पर बैठे हैं, इस पदों पर ही रिटायर हो जाएंगे. हमारी पदोन्नति नहीं होगी तो पद खाली नहीं होंगे और ऐसे में उन पदों पर नई भर्ती नहीं होगी. जिससे हमारे लोगों को नौकरी नहीं मिलेगी. आज हमारे समाज के लोग आए हैं. उनके सामने अपनी बात रखी है, हमारे बहुत सारे बेटे बेटियों की शादी नहीं हो पा रही. क्योंकि उनको सरकारी नौकरी नहीं मिल रही है, सरकार हमें पदोन्नति नहीं दे रही है, तो भर्ती कैसे होगी. बेटियां भी सपना देखते है कि मेरा पति शासकीय सेवा में हो. इस प्रतीक्षा में हमारी बेटियों की उम्र बढ़ती जा रही है और लड़के भी बेरोजगार हैं.”

छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ के प्रांतीय अध्यक्ष आर एन ध्रुव ने भी इन मांगों को लेकर कहा कि “आज हमने समाज के सामने अपनी मांग रखी है और कहा कि सरकार से इन मांगों को लेकर चर्चा की जाए. ये संवैधानिक मांगे हैं और इसे पूरा करने समाज से भी अपील की है.

प्रमुख मांगें

1. अनुसूचित जाति, जनजाति वर्गों के लिए पदोन्नति में आरक्षण नियम 5 को पुनः अधिसूचित करना. सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश 24.02.25 को पदोन्नति में तत्काल लागू करना.
2. अनुसूचित जाति, जनजाति, व पिछड़े वर्गों के बैकलांग पदों की पूर्ति के लिए विशेष भर्ती अभियान

3. जिला व संभाग स्तरीय स्थानीय भर्ती आरक्षण पर अधिनियम बनाना

4. राज्य के आरक्षित वर्गों के लिए 2011 से निर्धारित 2.50 लाख आय सीमा को मुक्त करना
5. फर्जी जाति प्रमाण पत्र घारितों पर सेवा समाप्ति की कार्रवाई कर उन पदों में विशेष भर्ती करना, अनु. जाति प्रमाण पत्र बनने की प्रक्रिया का सरलीकरण

6. अनुसूचित जाति, जनजाति उपयोजना (निधियों का निर्धारण, आबंटन एवं उपयोगिता) बजट अधिनियम बनाना

7. छत्तीसगढ़ लोक सेवा अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण अधिनियम 1994 का प्रभावी क्रियान्वयन

8.पांचवीं अनुसूची क्षेत्रों की 85 विकासखंडों में स्थानीय प्रशासन का पेसा कानून के तहत प्रभावी क्रियान्वयन

9. अनुसूचित क्षेत्रों में लंबे समय से पदस्य आरक्षित वर्ग के शासकीय सेवकों की सामान्य क्षेत्रों में पदस्थापना

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