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GLANCE; मौलाना, मौलवी, हाफीज, कारी, इमाम को वक्फ बोर्ड का आदेश, अब निकाह पढ़ाने के 1,100 रुपये से ज्यादा नहीं ले सकेंगे

नजराना

0 वक्फ बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सलीम राज को ज्यादा नजराना लेने की मिली थी शिकायत

    रायपुर, मुस्लिम समाज के युवक-युवतियों का निकाह (विवाह) पढ़ाने के लिए मौलवी, हाफिज, इमाम अब 1,100 रुपये से अधिक नहीं ले सकेंगे। यह आदेश छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने दिया है।

    प्रदेशभर की मस्जिदों के मुतवल्लियों को जारी आदेश में कहा है कि निकाह पढ़ाने के लिए 11 रुपये से लेकर 1,100 रुपये तक ही लिया जा सकेगा। वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीमराज ने बताया कि बोर्ड कार्यालय में शिकायत मिली थी कि निकाह पढ़ाने वाले मौलाना, मौलवी, हाफीज, कारी, इमाम द्वारा मनमानी रकम ली जाती है, जो कि इस्लाम और शरीयत के खिलाफ है।

    डॉ. राज का कहना है कि हमें निकाह को आसान करना है ताकि गरीब और बेसहारा परिवार के युवक-युवतियों के परिवार को आर्थिक बोझ न पड़े। स्वेच्छा से जो भी रकम दें, उसे नजराने के तौर पर कुबूल करें, मनमानी न करें। वक्फ बोर्ड के निर्देशों का पालन नहीं करने वाली संस्था के मुतवल्ली के खिलाफ वक्फ अधिनियम 1995 यथा संशोधित 2025 के प्रविधानों के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। साथ ही निकाह रजिस्टर को संस्था की आय में सम्मिलित कर कार्यालय में आवश्यक रूप से जानकारी दें।

    मौलाना ने निकाह पढ़ाने से किया इनकार

    उल्लेखनीय है कि वक्फ बोर्ड अध्यक्ष डॉ.सलीम राज के पास कुछ शिकायतें प्राप्त हुई थी। शिकायत में कहा गया कि इमाम, मौलाना ने निकाह पढ़ाने के लिए 5,100 रुपये नहीं दिए जाने पर निकाह पढ़ाने से इन्कार कर दिया और चले गए। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए डॉ.राज ने यह आदेश जारी किया है।

    आदेश के उल्लंघन पर होगी कार्रवाई

    डॉ.राज का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि गरीब का हक गरीब को मिले। प्रदेशभर में लगभग 800 से अधिक इमाम और मौलाना है जो निकाह पढ़ाने का काम करते हैं। भविष्य में यदि किसी इमाम या मौलाना द्वारा आदेश का उल्लंघन किया जाता है। इमाम या मौलाना के विरूद्ध इस प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त होती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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