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RATH YATRA;डीसीपी समेत 2 पुलिस अफसर सस्पेंड, DM-SP को हटाया, पुरी रथ यात्रा में मची भगदड़ पर ओडिशा सरकार का बड़ा एक्शन

कार्यवाही

भुबनेश्वर,ओडिशा के पुरी में रथयात्रा के दौरान गुंडिचा मंदिर के पास भगदड़ के मामले में सरकार ने कार्रवाई करते हुए पुरी के डीसीपी बिष्णु पति और पुलिस कमांडेंट अजय पाधी को सस्पेंड कर दिया है। कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन और एसपी विनीत अग्रवाल का ट्रांसफर कर दिया गया है। चंचल राणा ( IAS Chanchal Rana ) को पुरी का नया जिला कलेक्टर नियुक्त किया गया है। आईएएस अधिकारी चंचल राणा ने रविवार को ही पुरी के नए जिला कलेक्टर के रूप में कार्यभार संभाला है। सरकार ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। इस हादसे में तीन श्रद्धालुओं की जान चली गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए।

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है। इसके साथ ही उन्होंने लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। पुरी के दो पुलिस अधिकारियों– पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) बिष्णु पति और कमांडेंट अजय पाधी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। ओडिशा के डीजीपी वाई बी खुरानिया को मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लेने के लिए भेजा गया है।

सीएम ने जगन्नाथ भक्तों से क्षमा मांगी

यह पहली बार है जब रथ यात्रा के दौरान गुंडिचा मंदिर के पास इस तरह की कोई दुखद घटना हुई है। यह घटना रविवार सुबह 4 से 5 बजे के बीच हुई। हजारों श्रद्धालु रस्मों को देखने के लिए जमा हुए थे। बताया जा रहा है कि दो रस्मों वाले ट्रक एक संकरे इलाके में घुस गए। इससे भगदड़ मच गई। मुख्यमंत्री ने इस घटना पर दुख जताया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। ।मुख्यमंत्री माझी ने इस घटना पर दुख जताते हुए X पर एक पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि महाप्रभु के दर्शन की तीव्र इच्छा के कारण श्रद्धालुओं के बीच धक्का-मुक्की और भगदड़ मच गई। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए मैं और मेरी सरकार सभी जगन्नाथ भक्तों से क्षमा मांगते हैं। हम उन भक्तों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं जिन्होंने अपनी जान गंवाई है।
पटनायक का हादसे पर कड़ा बयान

ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक कड़ा बयान जारी किया है। उन्होंने वर्तमान प्रशासन की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफलता की आलोचना की है। उन्होंने X पर लिखा कि आज की भगदड़, रथ यात्रा के दौरान भीड़ प्रबंधन की भयावह विफलता के एक दिन बाद हुई है। इसमें सैकड़ों लोग घायल हो गए, सरकार की घोर अक्षमता को उजागर करती है। उन्होंने यह भी कहा कि शुरुआती प्रतिक्रिया अधिकारियों से नहीं, बल्कि भक्तों के रिश्तेदारों से आई। उन्होंने कहा कि हालांकि मैं सरकार पर आपराधिक लापरवाही का आरोप लगाने से परहेज करता हूं। लेकिन उनकी घोर असंवेदनशीलता ने निस्संदेह इस त्रासदी में योगदान दिया है। उन्होंने आगामी अनुष्ठानों जैसे अदपा बीजे और बहुदा यात्रा के लिए तत्काल सुधारात्मक उपाय करने का आग्रह किया।

चश्मदीदों ने क्या बताया?
चश्मदीदों का कहना है कि भगदड़ के दौरान अफरा-तफरी और कुप्रबंधन का माहौल था। स्थानीय निवासी स्वाधीन कुमार पांडा ने बताया कि मैं कल रात 2-3 बजे तक मंदिर के पास था। लेकिन प्रबंधन अच्छा नहीं था। VIP लोगों के लिए एक नया रास्ता बनाया गया था और आम लोगों को दूर से निकलने के लिए कहा गया। लोग प्रवेश द्वार से ही निकलने लगे। जिससे भीड़ बढ़ गई।

मौके पर नहीं था पुलिस प्रशासन

उन्होंने यह भी बताया कि अनाधिकृत वाहन मंदिर के पास प्रतिबंधित क्षेत्रों में घुस गए थे। इससे स्थिति और खराब हो गई। उन्होंने कहा कि रात में कोई पुलिस या प्रशासन मौजूद नहीं था। ओडिशा प्रशासन इसके लिए जिम्मेदार है। एक अन्य शख्स ने कहा कि मैंने भगदड़ में अपनी पत्नी को खो दिया। यहां पर कोई भी फायर, रेस्क्यू या अस्पताल का अधिकारी तुरंत मौके पर नहीं पहुंचा। यह एक दुखद घटना है जिसे व्यक्त नहीं किया जा सकता।

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