STRIKE; अधिकारी-कर्मचारी रहे हड़ताल पर, सरकारी दफ्तरों में पसरा रहा सन्नाटा, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

रायपुर, छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारी अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर शुक्रवार को एक दिवसीय काम बंद-कलम बंद हड़ताल पर रहे। इनकी हड़ताल से प्रदेश के सभी शासकीय दफ्तरों में सन्नाटा पसरा रहा। कार्यालय तो खुले रहे, लेकिन काम काज ठप रहा। दूर-दराज से विभिन्न कार्य कराने पहुंचे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इन्हें बिना काम कराए ही लौटना पड़ा। रायपुर जिले में भी हडताल के कारण कामकाज ठप रहा। जिला मुख्यालय रायपुर में कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने धरना प्रदर्शन कर अपनी 11 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन भी सौंपा।
आज शुक्रवार को पूर्वान्ह 11 बजे इनडोर स्टेडियम बूढापारा रायपुर के पीछे मैदान में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन रायपुर का एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन जिला संयोजक पीताम्बर पटेल एवं संभाग प्रभारी चंद्रशेखर तिवारी द्वारा द्वीप जला कर तथा वरिष्ट व्यायाम शिक्षक संदीप शर्मा द्वारा लम्बी शंखनाद के साथ किया गया।जिला संयोजक पीताम्बर पटेल ने बताया कि विभिन्न विभागों से भारी संख्या में लगभग 2500 महिला एवं पुरुष कर्मचारी अधिकारी धरना- प्रदर्शन में उपस्थित रहे। जिन्होंने अपनी एकता और संघर्ष की भावना को प्रदर्शित किया।
कार्यालयों में पसरा रहा सन्नाटा
समस्त शासकीय विभाग कमिश्नर व कलेक्टर कार्यालय, तहसील कार्यालय, कोषालय, ,शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई,लोक निर्माण विभाग, कृषि, यांत्रिकी, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, नीर भवन, प.रविशंकर विश्वविद्यालय, नगर निगम, वेटनरी, संचालनाय, मंत्रालय सहित समस्त शासकीय कार्यालय बंद रहे।
अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंपा
सभा को सभी संगठन के पदाधिकारियों ने संबोधित कर 11 सूत्री मांगों को लेकर सरकार से जल्द से जल्द निर्णय लेने की मांग की। सभा को विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने संबोधित किया और अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने का संकल्प लिया। सभा में शामिल होने वाले प्रमुख पदाधिकारियों में पीताम्बर पटेल, चंद्रशेखर तिवारी, कमल वर्मा, विजय झा, उमेश मुदलियार, राजकुमार शर्मा और सी एल दुबे आदि शामिल थे। सभा के अंत में पीताम्बर पटेल ने सभी का आभार व्यक्त किया और प्रांतीय पदाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और मुख्य सचिव के नाम अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर सभा की समाप्ति की घोषणा की।
उग्र आंदोलन की चेतावनी
फेडरेशन के नेताओं का कहना है कि वर्षों से लंबित समस्याओं का समाधान नहीं होने से कर्मचारियों में गहरा असंतोष है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि इससे पूर्व 18 जुलाई 2025 को भी कलेक्टरों के माध्यम से सरकार को ज्ञापन सौंपा गया था, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है। फेडरेशन ने यह भी कहा कि उनकी मांगें केवल कर्मचारियों के हित में नहीं, बल्कि प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए भी आवश्यक है। फेडरेशन का कहना है कि अगर सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है तो आंदोलन और उग्र होगा।
प्रदर्शन में ये रहे मौजूद
प्रदर्शन में फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा, कर्मचारी नेता विजय झा, चंद्रशेखर तिवारी, नरेश वाढेर, संजय शर्मा, उमेश मुदलियार, पीतांबर पटेल,राकेश शर्मा, बी पी शर्मा, जय कुमार साहू, , नरेश वाढेर, सी एल दुबे,पंकज पाण्डेय, अश्वनी चेलक, रामचंद्र तांडी, राजकुमार शर्मा, बीरेंद्र कोसले, देवव्रत शर्मा, प्रदीप साहू, अनमोल शर्मा, देवमणि साहू, बी आर वर्मा, फैसल कुरैशी, आलोक जाधव, उदयभान सिंह, हीरालाल पटेल, मयंक बैरवा, गुमेश चंद्राकर, रविन्द्र कुमार यादव, नीलम सोनी, समीक्षा मिश्रा, स्नेहलता गौतम, ज्योति सूर्यवंशी, ऋतु परिहार, जगदीप बजाज, सुनील कुमार जारोलिया, पंकज नायक, विमल चंद्र कुंडू, बाबूलाल पटेल, मो करीम खान, राकेश कन्नौजे,वी पी कुरील, सुमित अग्रवाल, दिनेश मिश्रा, ललित कुमार साहू, पवन कुमार साहू, दीपेन्द्र कुमार सिंहा, अमित दुबे, भूपेंद सिन्हा,राजेश गुप्ता, प्रमोद राव जाधव, स्वाति साहू, आनंद ताम्रकार,जय कुमार साहू, सी एल दुबे, बंधुलाल ध्रुव, ललित कुमार साहू, ,राघवेंद्र मिश्रा, आकाश मोहन झा,मनीष देवांगन, हरि राम सेन, संजय शुक्ला, कन्हैया लाल यादव, संदीप गोविलकर, प्रकाश कश्यप, वरुण पांडेय, लाल बहादुर सोनकर, पुष्पेंद्र बरमाल,मनोज कुमार साहू, माणिक मिश्रा, सी के वर्मा, बुद्धेश्वर वर्मा, विवेक साहू,, पवन सिंह , मुक्तेश्वर देवांगन, तिलक यादव, संदीप शर्मा, प्रकाश ठाकुर, ओ पी पाल, चितरंजन दास, विजय राव, कुंतल बाघमार, मृत्युंजय शुक्ला, सी एम टेंभुरकर , आशीष तिवारी,फिरोज खान , सतपाल साहू, फारुख, सुरेश वर्मा, मनीष देवांगन, जितेंद्र सिंह ठाकुर, महेश यादव, व्यास नारायण,केदार कहरा,आदि प्रदेश के विभिन्न संघों के पदाधिकारी एवं प्रतिनिधि उपस्थित थे।