HC; कमाई के लिए मजाक… समय रैना और रणबीर इलाहाबादिया को सुप्रीम कोर्ट ने अच्छे से समझाया कॉमेडी का मतलब

नईदिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को समय रैना और रणबीर इलाहाबादिया को दिव्यांगों पर असंवेदनशील टिप्पणी के लिए फटकार लगाई. शीर्ष कोर्ट ने दोनों कॉमेडियन्स को सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का निर्देश दिया. साथ ही कोर्ट ने समय रैना और रणबीर इलाहाबादिया को कॉमेडी का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि ‘कॉमेडी अच्छी बात है, हम खुद इसपर हंसते हैं. मगर, किसी खास वर्ग की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.’
SMA Cure Foundation द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस बागची ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘कॉमेडी को अच्छी तरह से लिया जाना चाहिए है. यह जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है. जब तक हम खुद पर हंसते हैं, तब तक ये ठीक है. लेकिन, लेकिन जब हम दूसरों पर हंसने लगते हैं, तो हम संवेदनशीलता को ठेस पहुंचाते हैं.‘ कोर्ट ने आगे कहा कि, जब हम एक समूह पर कॉमेडी करते हैं, तो यह समस्या बन जाता है. ये बात आज के तथाकथित इन्फ्लुएंसर को ध्यान में रखनी चाहिए.‘
जस्टिस सूर्यकांत ने सुनावई के दौरान कहा, ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं कि आप गंदे दिमाग की उपज को उछालते रहें. अधिकार और कर्तव्यों में संतुलन होना चाहिए.’ उन्होंने कहा आगे कहा कि आज हम बात दिव्यांगों की कर रहे हैं, अगली बार बात महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों की हो सकती है… इसका अंत कहां होगा?’
फ्रीडम ऑफ स्पीच पर लगाम…?
SMA Cure Foundation की ओर से सीनियर एडवोकेट अपराजिता सिंह ने IT नियमों का जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘हम फ्रीडम ऑफ स्पीच पर अंकुश नहीं लगाना चाहते है. लेकिन, गरिमा बनाए रखने के लिए दिशानिर्देश होने चाहिए.’ सिंह ने विकलांगता अधिनियम का हवाला देते हुए कहा कि विकलांगों का मजाक उड़ाना गरिमा का उल्लंघन है.
रैना के वकील
सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई के बाद बाहर निकलने पर कॉमेडियन समय रैना के वकील ने मीडिया से बताया कि उन्होंने बिना शर्त माफी मांग ली. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि दोनों अपने यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया पर इस प्रकार के कमेंट पर माफी मांगा है . वहीं, जस्टिस सूर्यकांत ने नवंबर में अगली सुनवाई की तारीख देते हुए कहा, ‘अगली बार हमें बताएं कि कितना जुर्माना लगाएं. ये जुर्माना दिव्यांग समूहों के वेलफेयर के लिए होगा.