PANCHAYAT;15वें वित्त आयोग की राशि नहीं मिलने से सरपंच दहशत में, मानदेय बढाने की मांग

0 सरायपाली विकास खंड के सरपंचो का जनपद पंचायत में उग्र प्रदर्शन
रायपुर, छत्तीसगढ़ में कई सरपंच 15वें वित्त आयोग की राशि नहीं मिलने से दहशत में हैं, जिससे ग्रामीण विकास कार्य ठप हो गए हैं और दुकानों से सामग्री खरीदने के बाद भी भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। कुछ जिलों में राज्य सरकार से फंड जारी न होने के कारण ही पंचायतों को पैसे नहीं मिल पा रहे हैं, जिससे सरपंच दबाव में आ गए हैं और उन्होंने विरोध प्रदर्शन भी शुरु कर दिया है।
बताया गया है कि 15वें वित्त आयोग की राशि अभी तक राज्य सरकार द्वारा जिला और ग्राम पंचायतों को आवंटित नहीं की गई है। राशि न मिलने से गांवों में निर्माण सामग्री के भुगतान नहीं हो पा रहे हैं और नए विकास कार्य भी ठप पड़ गए हैं। प्रधानमंत्री नल जल योजना का काम अधूरा पडा हुआ है। सरपंचों पर सामग्री के आपूर्तिकर्ताओं से तुरंत भुगतान करने का दबाव बन रहा है, क्योंकि पंचायतों के पास भुगतान के लिए पैसे नहीं हैं।
इसी कडी में महासमुंद जिले के जनपद पंचायत सरायपाली की सरपंच संघ की बैठक गत दिवस नई मंडी प्रांगण सरायपाली में रखी गई थी, जिसमें सरायपाली क्षेत्र के सभी सरपंच उपस्थित थे। बैठक में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई, जिनमें पंचायत की मूलभूत सुविधाएं भी शामिल थीं।
15वें वित्त आयोग का पैसा नहीं मिला
सरपंचों ने बताया कि 6 महीने हो गए हैं, लेकिन अभी तक 15वें वित्त आयोग का पैसा नहीं आया है, जबकि नियम के अनुसार 16वें वित्त आयोग के पैसों का वितरण हो जाना चाहिए। इस कारण सरपंचों को काफी परेशानी हो रही है और वे अपनी जेब से खर्च करके जमीनी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। प्रायः पंचायतों में प्रधानमंत्री नल जल योजना अधुरा पड़ा हुआ है जिससे सभी जनता को पेयजल की समस्या हो रही है और सरपंचो को पेयजल का व्यवस्था करना पड़ रहा है।
मानदेय दस हजार करें
सरपंचों ने शासन से आग्रह किया है कि उनका मानदेय बढ़ाया जाए, जो वर्तमान में बहुत कम है। उन्होंने बताया कि भूपेश बघेल सरकार में सरपंचों का मानदेय बढ़ाया गया था, लेकिन अब भाजपा सरकार में उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय उनकी बात सुनेंगे और मानदेय कम से कम 10000 करेंगे।
पंचायती कार्य में नेताओं और ठेकेदारों का गठजोड
सरपंचों ने बताया कि पंचायती कार्य में नेताओं और ठेकेदारों के माध्यम से काम कराया जा रहा है, जिसमें वे डर के माहौल में हैं। उन्होंने मांग की है कि इस प्रक्रिया में बदलाव किया जाए और सरपंचों को भी इसमें शामिल किया जाए जिससे कि पंचायतो में सभी बड़े नेताओं व विभागीय अधिकारियों के द्वारा ठेकेदारो से कार्य करवाया जा रहा है जिससे दबे जुबान से सरपंच बहुत नाराज हैं लेकिन नेताओं के भय के कारण अपने व्यथा को बता नहीं रहें हैं, जिससे कि बहुत पंचायतों में ठेकेदार के द्वारा अधुरा व गुणवत्ता कि कमी कि भी बहुत शिकायत है।
राशन कार्ड और पेंशन योजना के पोर्टल जल्दी खोले जाएं
सरपंचों ने यह भी मांग की है कि राशन कार्ड और पेंशन योजना के पोर्टल जल्दी खोले जाएं, ताकि हितग्राहियों को योजना का लाभ मिल सके। सभी सरपंचों ने एकजुट होकर इन मुद्दों पर आवाज उठाई है और सरकार से मांग की है कि उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए