पीईटी -प्री. बीएड के रिजल्ट जारी; शून्य अंक पाने वाले को भी इंजीनियरिंग में दाखिला,कालेजों को भी फायदा
रायपुर, प्री इंजीनियरिंग टेस्ट (पीईटी) के रिजल्ट शुक्रवार को जारी कर दिए गए हैं। राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेजों में इस बार वे छात्र भी एडमिशन लेने के पात्र होंगे जिन्हें पीईटी में 10 प्रतिशत से कम नंबर मिले हैं। दरअसल, इस बार न्यूनतम नंबर की अनिवार्यता को खत्म किया गया है। यानी पीईटी में जीरो नंबर पाने वाले स्टूडेंट्स भी इंजीनियरिंग में प्रवेश ले सकेंगे। पीईटी के अलावा व्यापमं की ओर से प्री फार्मेसी टेस्ट (पीपीएचटी), प्री पॉलीटेक्निक टेस्ट (पीपीटी), प्री-एमसीए, बीएड, डीएलएड समेत 8 प्रवेश परीक्षाओं के नतीजे भी जारी किए गए। यह परीक्षाएं जुलाई में आयोजित की गई थीं। इन कोर्स में प्रवेश के लिए इसी महीने काउंसिलिंग होने की संभावना है।
पीएटी का रिजल्ट अगले सप्ताह
बीएड, डीएलएड, बीए.बीएड, बीएससी.बीएड प्रवेश परीक्षा के नतीजे भी जारी किए गए हैं। प्रवेश के लिए काउंसिलिंग जल्द शुरू होने की संभावना है। राज्य में बीएड की 14400 सीटें हैं। इस बार बीएड के एंट्रेंस एग्जाम में करीब 2 लाख छात्र शामिल हुए थे। उधर, प्री एग्रीकल्चर टेस्ट यानी पीएटी के रिजल्ट अगले सप्ताह जारी होंगे। पीएटी के माध्यम से राज्य में बीएससी एग्रीकल्चर और बीएससी हार्टीकल्चर में एडमिशन होगा।
तकनीकी कोर्स के लिए नया प्रवेश नियम
राज्य में इंजीनियरिंग व अन्य तकनीकी कोर्स के लिए नया प्रवेश नियम बनाया गया है। शिक्षा सत्र 2023-24 से ही यह लागू होगा। जानकारों का कहना है कि प्रवेश के नए नियम के अनुसार इस बार इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा में सिर्फ शामिल होने से ही छात्र एडमिशन के लिए पात्र हो गए हैं। हालांकि, ओवरऑल रैंक के अनुसार काउंसिलिंग होगी। इस लिहाज से जिन छात्रों के पीईटी में ज्यादा नंबर आए हैं उन्हें अच्छे कॉलेज के साथ ही मनचाही ब्रांच मिल सकती है। वहीं दूसरी ओर जिन्हें पीईटी में में कम नंबर मिले हैं, वे भले ही प्रवेश के लिए पात्र होंगे लेकिन काउंसिलिंग के समय सीटें खाली रहने पर ही प्रवेश मिलेगा।
नए नियम से छात्रों के साथ कॉलेजों को भी फायदा
इंजीनियरिंग, पॉलीटेक्निक व अन्य तकनीकी प्रवेश के लिए नए नियम लागू किए गए हैं। इससे छात्रों को फायदा होगा। साथ ही यह कॉलेजों के लिहाज से भी अच्छा माना जा रहा है। जानकारों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में इंजीनियरिंग के प्रति छात्रों का रुझान कम हो रहा है। सात-आठ वर्ष पहले राज्य में इंजीनियरिंग की 20 हजार से ज्यादा सीटें थीं। अब साढ़े ग्यारह हजार रह गई हैं। नए नियम में राज्य के अलावा दूसरे राज्य के छात्र भी खाली सीटों में प्रवेश ले सकेंगे। पहले दूसरे राज्य के छात्रों के लिए सिर्फ प्राइवेट कॉलेजों में भी 10 प्रतिशत कोटा था। अब अन्य राज्य का कोटा खत्म कर दिया गया है। नए नियम के मुताबिक तकनीकी कोर्स की सीटें पहले, छत्तीसगढ़ के छात्रों से भरी जाएंगी। इसके बाद बची हुई सीटों पर अन्य राज्य के छात्र प्रवेश ले सकेंगे।