पटना-कोटा एक्सप्रेस में धमतरी के दो यात्रियों की मृत्यु, सात बीमार; 90 लोग वाराणसी से आ रहे थे मथुरा
रायपुर, पटना-कोटा एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में 17 तीर्थ यात्रियों की रविवार को अचानक तबीयत खराब हो गई। आगरा पहुंचने से पहले इनमें एक महिला की मौत हो गई। दूसरे ने कैंट स्टेशन पर दम तोड़ दिया। सात को गंभीर हालत में रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। छत्तीसगढ़ के धमतरी के गांव बारना में रहने वाले 90 यात्रियों का समूह वाराणसी में दर्शन करने के बाद मथुरा जा रहा था। इनमें से अधिकांश ने वाराणसी में खाना खाया था। रेलवे, जीआरपी और आरपीएफ ने यात्रियों को फूड प्वायजनिंग की आशंका जताई है। यह ट्रेन दस घंटे की देरी से आगरा पहुंची थी।
यात्रियों का यह समूह धार्मिक स्थलों की यात्रा पर निकला था। वे सभी 15 अगस्त को रायपुर से वाराणसी पहुंचे। दो दिन तक वहीं रहे। शनिवार शाम मथुरा जाने के लिए पटना-कोटा एक्सप्रेस में सवार हुए। वहां बांकेबिहारी के दर्शन के साथ अन्य मंदिरों को घूमने का कार्यक्रम था। इन सभी यात्रियों ने स्लीपर कोच एस-एक से एस-चार तक सीट रिजर्वेशन करा रखा था। रात करीब 10 बजे इनमें एक महिला यात्री निताम की तबीयत खराब होने लगी। उल्टी-दस्त की शिकायत होने पर साथ रखी दवा दे दी गई। इसके बाद एक-एक कर अन्य लोगों की तबीयत भी बिगड़ने लगी। यात्रियों ने इसे उमस की वजह मानते हुए किसी रेलवे कर्मी को जानकारी नहीं दी।
ट्रेन को रविवार सुबह 5.40 बजे तक आगरा पहुंचना था, लेकिन दस घंटे लेट हो गई। दोपहर दो बजे रेलवे हेल्प लाइन को फोन पर महिला यात्री निताम की मृत्यु की जानकारी मिली। इस पर ट्रेन को भांडई स्टेशन पर रोका गया। डाक्टरों की टीम कोच में पहुंची तब तक निताम की मौत हो चुकी थी। एक अन्य यात्री रमा निषाद की हालत अधिक खराब थी। कैंट स्टेशन के स्टाफ को सतर्क कर ट्रेन को आगे की लिए रवाना कर दिया गया। ट्रेन दोपहर 3.40 बजे कैंट स्टेशन पहुंची। स्टेशन पर ही रमा निषाद ने भी दम तोड़ दिया। बीमार 15 यात्रियों सहित साथ चल रहे पूरे समूह को ट्रेन से उतार लिया गया। इनमें से सात यात्री लोकेश्वर यादव, प्रभा साहू, रम्भा साहू, सोनिया बघेल, हीरा, जयराम, शत्रुघ्न निषाद को रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया गया। मंडल वाणिज्य प्रबंधक प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया, दो यात्रियों की मृत्यु हुई है। यात्रियों का ठीक तरीके से उपचार कराया जा रहा है।