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Rath Yatra; पुरी में रथ यात्रा के दौरान हादसा, गुंडिचा मंदिर के पास भगदड़ मचने से 3 लोगों की मौत, 650 श्रद्धालु बीमार

मरे

भुबनेश्वर , ओडिशा के पुरी में रविवार सुबह रथ यात्रा के दौरान दर्दनाक हादसा हो गया. इस हादसे में कम से कम तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. यह घटना भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान गुंडिचा मंदिर के पास भगदड़ मचने के कारण हुई.

शुरुआती जानकारी के अनुसार, भगदड़ सुबह करीब 4 से 5 बजे के बीच उस वक्त हुई, जब भगवान जगन्नाथ का रथ ‘नंदीघोष’ गुंडिचा मंदिर पहुंचा. जैसे ही भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के तीनों रथ गुंडिचा मंदिर पहुंचे, दर्शन करने के लिए भारी भीड  इकट्ठा हो गई. इस दौरान भीड़ नियंत्रण के लिए लगाए गए बैरिकेड गिर गए और भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई. कई श्रद्धालु रथ के पहियों के पास गिर पड़े, जिससे तीन लोगों की जान चली गई.

मृतकों की पहचान खोरधा जिले के बोलागढ़ निवासी बसंती साहू और बालीआंता ब्लॉक के अथांतारा गांव में रहने वाले प्रेमकांति मोहंती और प्रभाति दास के रूप में की गई है.

श्रद्धालुओं की भारी भीड़, कई बीमार

प्रशासन के अनुसार, रथयात्रा के पहले दिन शुक्रवार को ही 10 लाख से अधिक श्रद्धालु पुरी पहुंचे थे, जिससे अपार भीड़ का दबाव बना रहा. देवी सुभद्रा के रथ के पास शुक्रवार देर शाम तक 625 से अधिक लोग बीमार हो गए थे. शनिवार को भीड़ में 10–20% की कमी दर्ज की गई, फिर भी पिछले 24 घंटे में 650 से अधिक श्रद्धालु अस्वस्थ हो गए. इनमें से 70 को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से नौ की हालत गंभीर बनी हुई है.

भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के रथ शनिवार को श्री गुंडिचा मंदिर पहुंच गए. यह मंदिर जगन्नाथजी की मौसी का घर माना जाता है, जहां तीनों देवता हर साल नौ दिनों के लिए जाते हैं. मंदिर, 12वीं सदी के श्रीमंदिर से लगभग 2.6 किलोमीटर दूर स्थित है.

5 जुलाई को तीनों देवता श्रीमंदिर लौटेंगे

शुक्रवार को भारी भक्ति और उल्लास के बीच भगवान बलभद्र के तालध्वज रथ ने शाम 4:08 बजे सबसे पहले यात्रा शुरू की. इसके बाद देवी सुभद्रा का ‘दर्पदलन’ और अंत में भगवान जगन्नाथ का ‘नंदिघोष’ रथ खींचा गया.

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