किसानों को हर हाल में देंगे 2500 रुपये प्रति क्विंटल धान की कीमत
मुख्यमंत्री ने किया तीन दिवसीय राष्ट्रीय कृषि मेला छत्तीसगढ़ 2020 का शुभारंभ
गन्ना किसानों को भी पिछली वर्ष की तरह इस वर्ष भी देंगे प्रति क्विंटल 55 रूपए का लाभ
छत्तीसगढ़ में खेती किसानी बनी फायदे का सौदा,किसानों केेहित में होगा बजट
रायपुर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि किसानों को हर हाल में 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर धान की कीमत दी जाएगी। राज्य सरकार धान उत्पादक किसानों को समर्थन मूल्य और 2500 रूपए के अंतर की राशि 685 रुपये देगी। श्री बघेल ने कहा कि प्रदेश के गन्ना उत्पादक किसानों को पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी प्रति क्विंटल 55 रूपए का लाभ दिया जाएगा। सरकार का बजट भी किसानो के हित में होगा ।
मुख्यमंत्री ने आज रायपुर जिले के तुलसी बाराडेरा फल-सब्जी उपमंडी प्रांगण में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय कृषि मेला 2020 का उद्घाटन करते हुए यह घोषणा की। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर मेले का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में खेती-किसानी फायदे का सौदा बन गई है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार ढाई लाख अधिक किसान खेती-किसानी से जुड़े हैं।
केंद्र सरकार से बायोफ्यूल उत्पादन की अनुमति देने का आग्रह करते हुए उन्होने कहा कि गाड़ियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, प्रदूषण भी बढ़ता जा रहा है। दुनिया का ध्यान अब ग्रीन एनर्जी की ओर गया है। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम ईंधन में 20 प्रतिशत तक बायोफ्यूल मिलाया जा सकता है। छत्तीसगढ़ में धान का प्रचुर मात्रा में उत्पादन होता है इसलिए बायोफ्यूल का उत्पादन होने से किसानों को धान की अच्छी कीमत मिलेगी। संयंत्र लगने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और पेट्रोलियम ईंधन में खर्च होने वाली विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी। उन्होंने धान से उत्पादित बायोफ्यूल की कीमत गन्ने से उत्पादित बायोफ्यूल की तरह तय करने का आग्रह भी किया।
उन्होंने केंद्र सरकार से छत्तीसगढ़ के सभी किसानों को किसान सम्मान निधि की पूरी राशि प्रदान करने का आग्रह भी किया,क्योंकि अब तक प्रदेश के मात्र एक लाख किसानों को किसान निधि की राशि छह हजार रूपए प्राप्त हुई है। 18 लाख किसानों को अभी तक पूरी राशि नहीं मिल पाई है।
श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसानों ने धान उत्पादन के साथ-साथ गन्ना, फल और सब्जियों के उत्पादन के क्षेत्र में भी अच्छा काम किया है। राज्य सरकार का जोर कृषि लागत कम करने और खेतों तक पानी की उपलब्धता बढ़ाने में है। राज्य सरकार इस दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि नरवा, गरुवा, घुरवा और बाडी योजना प्रारंभ की गई है, जिसके माध्यम से गौठानों की व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है। नवनिर्वाचित सरपंच अपने-अपने गांवों में चारागाह के लिए जमीन चिन्हित करने का काम करें। यदि गौठान सुदृढ़ होंगे, तो हर गांव में फसल बचेगी, किसान दूसरी फसल ले सकेंगे और पशुओं के कारण होने वाले एक्सीडेंट भी कम होंगे।
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य सरकार किसानों को समृद्ध, खुशहाल और आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम कर रही है। राज्य सरकार कृषि अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करेगी। खेती-किसानी का विकास सरकार की प्राथमिकता में है।
वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि अब तक 82 लाख 80 हजार मीट्रिक टन धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी हो चुकी है। किसानों को अब तक 14 हजार 400 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार का बजट किसानों के हित में रहेगा।
नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया एवम पूर्व कृषि मंत्री और विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने भी इस अवसर पर अपने विचार प्रकट किए। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रम में कृषि, उद्यानिकी पशुपालन और मत्स्य पालन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रदेश के प्रगतिशील किसानों को आत्मा योजना के अंतर्गत 50-50 हजार रूपए की राशि का चेक देकर सम्मानित किया। उन्होंने किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड भी वितरित किए। किसानों को अब मत्स्यपालन, कुक्कुट पालन, बकरी पालन, गौपालन जैसे कार्यों के लिए भी किसान क्रेडिट कार्ड दिए जा रहे है। श्री बघेल ने कार्यक्रम के पश्चात मंडी प्रांगण में लगाए गए विभिन्न स्टालों का अवलोकन भी किया।
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, सांसद सुनील सोनी, मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल, रायपुर के महापौर एजाज ढेबर, कृषि विभाग की प्रमुख सचिव और कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. मनिंदर कौर द्विवेदी सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
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