राज्यशासन

CAMP;राज्य के शहरी इलाकों में समस्याओं का अंबार, डेमेज कंट्रोल की रणनीति बनाने जुटी सरकार

*जनसमस्या निवारण पखवाड़ा में प्रदेश भर में मिले 1.12 लाख आवेदन, 45 हजार मौके पर ही निराकृत, 67 हजार आवेदन लंबित

रायपुर, आसन्न नगरीय निकाय चुनाव के पहले प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में गत 27 जुलाई से 10 अगस्त तक संचालित जनसमस्या निवारण पखवाड़ा हलाकान-परेशान लोगों की भारी भीड जुट रही है। इस दौरान शिविरों में कुल एक लाख 12 हजार आवेदन प्राप्त हुए जिनमें से करीब 45 हजार आवेदनों को मौके पर ही निराकृत किया गया। दूसरे विभागों से संबंधित 67 हजार आवेदनों को संबंधित विभाग को प्रेषित करने के बाद शेष आवेदनों का परीक्षण कर शीघ्र निराकरण की कार्यवाही की जा रही है।

सूत्रों का कहना है कि इसे देखते हुए राज्य सरकार चुनाव के पहले डेमेज कंट्रोल की रणनीति बनाने में जुट गई है,क्योंकि सरकार को राज्य के शहरी इलाकों की जमीनी स्तर पर हालातों का अंदाजा लग चुका है। इस कारण नगरीय निकायों में सड़क व नाली मरम्मत तथा निर्माण कार्य के लिए धनराशि की व्यवस्था की जा रही है। नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव स्वयं अफसरों के साथ बैठक कर इसकी समीक्षा कर रहे है। जानकारों का दावा है कि निकायों में समस्या-शिकायतों को देखते हुए कुछ अफसर भी इधर-उधर किए जा सकते है। शिविरों का संचालन 14 अगस्त तक होगा।

उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने जनसमस्या निवारण पखवाड़ा के दौरान सभी नगर निगमों के आयुक्तों तथा नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों के साथ ही क्षेत्रीय संयुक्त संचालकों को यथासंभव ज्यादा से ज्यादा आवेदनों को मौके पर ही निराकृत करने के निर्देश दिए । उन्होंने खुद कई शिविरों का निरीक्षण कर व्यवस्थाएं भी देखी थी।  

राज्य के सभी 184 नगरीय निकायों में आयोजित जनसमस्या निवारण शिविरों में प्रधानमंत्री आवास योजना से संबंधित 15 हजार 700 आवेदन मिले जिनमें से 1200 का त्वरित निराकरण का दावा किया गया। शिविर स्थल पर ही हितग्राहियों को पात्रतानुसार नए आवास की स्वीकृति, आवास आवेदन की त्रुटियों का निराकरण, किस्त का भुगतान तथा अधूरे आवासों को शीघ्र पूर्ण करने के संबंध में कार्यवाही की गई। इसी तरह पेयजल समस्या से जुड़े 4500 आवेदनों में से 700 का शिविर में ही समाधान का प्रयास किया गया। नए नल कनेक्शन, पाइपलाइन का विस्तार, पाइपलाइन लीकेज की मरम्मत, पेयजल आपूर्ति संबंधी समस्याओं से संबंधित लोगों की मांग एवं शिकायत थी। 

जनसमस्या निवारण पखवाड़ा के दौरान डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण, नाली सफाई, पानी निकासी तथा साफ-सफाई से संबंधित शिकायतों का भी अंबार लगा रहा। कचरा एकत्रीकरण एवं उठाव से संबंधित 1500 आवेदनों में से 700 को शिविर स्थल परनिराकृत किया गया। सामाजिक सुरक्षा पेंशन संबंधी प्राप्त 1950 आवेदनों में से निकाय स्तर के 550 आवेदनों को निराकृत किया गया। शेष आवेदनों के परीक्षण की कार्यवाही जारी है। 

नगरीय निकायों में सड़क व नाली मरम्मत तथा निर्माण कार्य से जुड़े 14 हजार 500 आवेदन मिले। इनमें से 600 आवेदनों पर सड़क और नाली मरम्मत के कार्य किए गए। शेष मांगों के अनुरूप नई नाली और सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति के लिए पूर्ण प्रस्ताव तैयार कर उचित माध्यम से विभाग को प्रेषित किए जा रहे हैं। नवीन निर्माण कार्यों से संबंधित प्रस्ताव स्थल चयन तथा जांच के उपरांत निकाय के माध्यम से शासन को भेजे जाएंगे। नए भवनों के संपत्ति कर एवं संपत्ति निर्धारण संबंधी शिकायतों के 600 आवेदनों में से 350 को मौके पर ही निराकृत किया गया। 

शिविर स्थल पर ही संपत्ति के नामांतरण, नए भवन निर्माण की स्वीकृति तथा नियमितीकरण संबंधी 700 आवेदनों में से 50 का निराकरण किया गया। शेष आवेदन जिला कार्यालय या नगर निवेश से संबंधित होने के कारण इन विभागों के समन्वय से निराकृत किए जाएंगे। राशन कार्ड से संबंधित 19 हजार 500 आवेदनों में से दस हजार मौके पर ही निराकृत किए गए।पखवाड़ा के दौरान 9200 लोगों के स्वास्थ्य का परीक्षण कर जरूरी उपचार मुहैया कराया गया।

शिविरों में 7500 आयुष्मान कार्ड भी बनाकर वितरित किए गए। भूमि विवाद एवं राजस्व प्रकरणों के 12 हजार 750 आवेदनों में से 3050 आवेदनों का निराकरण भी किया गया। शिविरों में बिजली, स्ट्रीट लाइट, मवेशी, आवारा कुत्तों, अतिक्रमण, अवैध निर्माण, सड़क बाधा इत्यादि से संबंधित 25 हजार आवेदन प्राप्त हुए जिनमें से निकाय स्तर की दस हजार आवेदनों का समाधान किया गया। शेष आवेदन अन्य विभागों से संबंधित होने के कारण संबंधित विभागों को निराकरण के लिए प्रेषित किए गए हैं।

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