TERROR;भारत आतंक और न्यूक्लियर ब्लैकमेल के साए में नहीं रहने वाला है… सीडीएस अनिल चौहान ने पाकिस्तान को दे दी बड़ी चेतावनी
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नई दिल्ली, भारत अब आतंक और परमाणु ब्लैकमेल के साए में नहीं जिएगा। सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों से भारत को बंधक नहीं बनना चाहिए। पुणे में सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय में ‘भविष्य के युद्ध और युद्धकला’ पर एक विशेष कार्यक्रम में मंगलवार को जनरल अनिल चौहान ने यह बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि पहलगाम में जो हुआ वह पीड़ितों के प्रति बहुत ही क्रूर था। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के पीछे सोच यह थी कि पाकिस्तान- प्रायोजित आतंकवाद को रोकना होगा।
‘आतंकवाद,परमाणु ब्लैकमेल के डर में नहीं रहेगा भारत’
जनरल चौहान ने कहा कि भारत अब आतंकवाद और परमाणु ब्लैकमेल के डर में नहीं रहेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान को भारत को आतंकवादी गतिविधियों से बंधक बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर में हुए पहलगाम आतंकी हमला में 26 लोग मारे गए थे। इसके जवाब में, भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाते हुए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया।
‘भारत को हजार घाव देने की रणनीति अपना रहा पाकिस्तान’
जनरल चौहान ने कहा कि पाकिस्तान भारत को ‘हजार घाव’ देने की रणनीति अपना रहा है। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने पहलगाम की घटना से कुछ हफ्ते पहले भारत और हिंदुओं के खिलाफ जहर उगला था। पहलगाम हमला पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के उस बयान के एक हफ्ते बाद हुआ, जिसमें उन्होंने कश्मीर को इस्लामाबाद की ‘जुगुलर वेन’ (जीवन रेखा) बताया था। भारत ने इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई थी।
असीम मुनीर के बयान के बाद ही हुआ पहलगाम आतंकी हमला
पाकिस्तान सेना चीफ जनारल असीम मुनीर ने इस्लामाबाद में 16 अप्रैल को प्रवासी पाकिस्तानी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था, ‘हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट है, यह हमारी जुगुलर वेन थी, यह हमारी जुगुलर वेन रहेगी, हम इसे नहीं भूलेंगे। हम अपने कश्मीरी भाइयों को उनके वीर संघर्ष में नहीं छोड़ेंगे।’ इसके बाद ही 22 अप्रैल को वह भयावह आतंकी वारदात हुई थी, जिसमें 25 पर्यटकों को उनका धर्म पूछकर मार दिया गया था और एक स्थानीय की जान उन्होंने गलतफहमी में ले ली।
‘नुकसान महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि परिणाम महत्वपूर्ण है’
जनरल चौहान ने अपने भाषण में कहा कि युद्ध और युद्धकला मानव इतिहास का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा, ‘युद्ध उतना ही पुराना है, जितनी मानव सभ्यता। किसी भी तरह के युद्ध में दो महत्वपूर्ण तत्व होते हैं – हिंसा और हिंसा के पीछे की राजनीति… तीसरा तत्व संचार है, जो लगातार हो रहा है।’ जनरल चौहान ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भी युद्ध और राजनीति एक साथ चल रहे थे। उन्होंने कहा कि नुकसान ‘महत्वपूर्ण नहीं हैं, बल्कि परिणाम महत्वपूर्ण हैं।’