कला-साहित्य

RATH YATRA; भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में शामिल हुए CM साय व राज्यपाल डेका, सोने की झाड़ू से निभाई छेरापहरा की रस्म

जगन्नाथ

रायपुर, भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा दिवस के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्यपाल रमेन डेका के साथ राजधानी रायपुर के गायत्री नगर स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की। उन्होंने ‘छेरा-पहरा‘ की रस्म निभाई जिसके अंतर्गत भगवान जगनाथ के रास्ते को सोने की झाडू से साफ करने की रस्म निभाई और भगवान का आर्शीवाद लेकर प्रदेश के लोगों की खुशहाली की कामना की।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल सपत्नीक भगवान की मूर्ति को अपने सिर पर बिठाकर रथ तक लेकर आए और विराजित किया. इस अवसर पर मंत्री टंकराम वर्मा, विधायक मोतीलाल साहू, विधायक गुरू खुशवंत साहेब, विधायक श्री धरमलाल कौशिक, राज्य की प्रथम महिला रानी डेका काकोटी हाईकोर्ट जस्टिस प्रशांत मिश्रा सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे.

राज्यपाल सीएम ने ‘छेरा-पहरा‘ की रस्म निभाई

रायपुर उत्तर के विधायक पुरंदर मिश्रा ने बताया कि भगवान की पूजा-अर्चना के बाद मुख्यमंत्री साय और राज्यपाल रमेन डेकाने रथ यात्रा के मार्ग की सोने के झाड़ू से सफाई की। श्री साय ने कहा कि आज जगन्नाथ महाप्रभु की रथ यात्रा है, मैं सभी छत्तीसगढ़वासियों को इसकी बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। मैं भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा से प्रार्थना करता हूं कि छत्तीसगढ़ में खुशहाली आए और सभी के घर में सुख-समृद्धि आए। राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी की आराधना के पावन अवसर ‘रथयात्रा’ की प्रदेश सहित समस्त देशवासियों को अनंत मंगलकामनाएं। उनकी अलौकिक कृपा सभी पर सदैव बनी रहे।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल भगवान की प्रतिमा सर पर रखकर पहुंचे

श्री जगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष पुरंदर मिश्रा ने बताया कि आज प्रात: 10 बजे से भकत्गण मंदिर पहुंचने लगे थे. सबसे पहले भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की आरती हुई. तत्पश्चात 11 बजे प्रसाद लगाया गया. सीएम और राज्यपाल ने विशेष आरती और पूजा अर्चना की. उसके बाद सांसद बृजमोहन अग्रवाल भगवान की प्रतिमा को लेकर रथ के पास पहुंचे जबकि राज्यपाल और सीएम ने ‘छेरा-पहरा‘ की रस्म निभाई. उसके बाद भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा को रथ में विराजित किया गया. रथयात्रा दोपहर दो बजे तक चलती रही बाद में उसका समापन जगन्नाथ मंदिर में हुआ. इस दौरान हजारों का समूह रथयात्रा के साथ चल रहा था. इस दौरान भक्तों को विशेष रूप से तैयार गजमूंग का प्रसाद बांटा. आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर भकतों के लिए भण्डारा चलाया गया. 

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