राज्यशासन

ELECTION; स्टेट बार काउंसिल चुनाव में पदाधिकारियों पर प्रतिबंध, हाईकोर्ट ने याचिका खारिज की

बिलासपुर, छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल के चुनाव में अधिवक्ता संघों के निर्वाचित पदाधिकारियों के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) की इस अधिसूचना को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच ने खारिज कर दिया।

स्टेट बार काउंसिल के 25 सदस्यों का चुनाव

बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चुनाव के लिए केंद्र सरकार की इस अधिसूचना को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव वरुणेंद्र मिश्रा नेहाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने बताया कि इस तरह से पदाधिकारियों के चुनाव पर प्रतिबंध लगाना संविधान के मौलिक अधिकारों का हनन है। दरअसल, छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल चुनाव के लिए अधिसूचना जारी की गई है।

जारी चुनाव कार्यक्रम के तहत 7 अगस्त से नामांकन पत्र जमा करने की प्रक्रिया शुरू हुई है, जो 14 अगस्त तक चलेगी। जिसके बाद चुनाव होगा। बता दें कि स्टेट बार काउंसिल के 25 सदस्यों का चुनाव होना है, जिसमें प्रदेश भर के वकील मतदान करेंगे। प्रदेश के विभिन्न जिलों के निर्वाचित सदस्य स्टेट बार के अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों का मनोनयन करेंगे।

चुनाव प्रभावित होने की थी आशंका

स्टेट बार काउंसिल चुनाव में जिला अधिवक्ता संघ के साथ ही हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया गया है। ऐसा इसलिए किया गया है, क्योंकि पदाधिकारियों के चुनाव लड़ने से वोटर्स को प्रभावित करने की आशंका है।

60 से अधिक सदस्यों के नाम वोटर लिस्ट से गायब

स्टेट बार काउंसिल के आगामी चुनाव में बस्तर क्षेत्र को बड़ा झटका लगा है। जारी मतदाता सूची से 60 से अधिक सदस्यों के नाम गायब पाए गए हैं, जिससे क्षेत्र के अधिवक्ता समुदाय में रोष फैल गया है। यह चुनाव 11 साल बाद आयोजित हो रहा है, जो प्रदेशस्तर पर आयोजित होने वाला एक महत्वपूर्ण आयोजन है, लेकिन मतदाता सूची में हुई इस गंभीर चूक ने वकीलों के बीच चिंता और असंतोष को बढ़ा दिया है।

Related Articles

Back to top button