कृषि

EXHIBITION; पालकी में कृषि सूचना केंद्र एवं प्रदर्शनी, किसानों को मिली नवीन तकनीकी जानकारी

नारायणपुर, लिंगो मुदियाल कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, केरलापाल, नारायणपुर के रावे विद्यार्थियों द्वारा कल पालकी ग्राम में कृषि सूचना केंद्र एवं कृषि प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जहाँ किसानों को नवीन एवं आधुनिक कृषि तकनीकों की जानकारी प्रदान की गई। प्रदर्शनी में नवीनकरणीय ऊर्जा संसाधन मॉडल, ग्रीन हाउस तकनीक, जैविक खेती, उन्नत सिंचाई प्रणाली, फसल विविधता मॉडल, टिशू कल्चर मॉडल, जैविक खेती, समन्वित कृषि प्रणाली, फल सब्जी का मूल्य संवर्धन तकनीक एवं ग्रामीण कृषि नवाचार से संबंधित विषयों पर किसानों को विस्तार से समझाया गया।

इसी कड़ी में महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. रत्ना नशीने ने कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर किसानों को संतुलित आहार के फायदे, संरक्षित खेती, पौध रोपण, पशु टीकाकरण तथा विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक बताए। प्राध्यापक डॉ. नवीन मरकाम ने फसल विविधता, कृषि में उन्नत किस्मों का उपयोग एवं किसानों को नवीनतम तकनीकों को अपनाने अपनाने पर जोर दिया।
कार्यक्रम समन्वयक डॉ. देवेंद्र कुर्रे ने संबोधन में बताया कि कृषि नवाचार व उद्यमिता से ग्रामीण कृषि में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया जा सकता है। कार्यक्रम अधिकारी डॉ. पुष्पेंद्र सिंह ने जैविक खेती के फायदे तथा फल सब्जी के मूल्य संवर्धन के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दिए। कीट वैज्ञानिक डॉ. सविता आदित्य ने फसलों में लगने वाले विभिन्न प्रकार के कीट व उनके निदान के बारे में बताया। डॉ. नवनीत ध्रुवे जी ने कृषि में यंत्रों के उपयोग तथा उसके फायदे के बारे में बताया तथा राज सिंह सेंगर के द्वारा मृदा परीक्षण तथा प्राकृतिक खेती के बारे में बताया। अंत में महाविद्यालय के क्रीड़ा अधिकारी डॉ. मदन लाल कुर्रे ने खेती में किसानों के योगदान व उनको सही मायने में भुइयां के देवता बताया।

कार्यक्रम में बिंजली ग्राम पंचायत के सरपंच, श्रीमती गोमती कुमेटी , जनपद पंचायत सदस्य नारायणपुर राकेश कावड़े मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे तथा भारतीय किसान संघ के जिला मंत्री श्री दुग्गा समेत सैकड़ों की संख्या में किसान उपस्थित रहे। अतिथियों द्वारा विद्यार्थियों द्वारा प्रदर्शित विभिन्न मॉडलों का अवलोकन किया गया और उनके नवाचार एवं प्रयासों की प्रशंसा की। अतिथियों ने कहा कि ऐसी पहलें किसानों को नई तकनीक सीखने, अपनाने और कृषि उत्पादन बढ़ाने में कारगर साबित होंगी।

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