INDEPENDENCE DAY;’कम्युनल नहीं, देश में सेकुलर सिविल कोड हो’, समान नागरिक संहिता पर लाल किले से क्या बोले पीएम मोदी?
78वां स्वतंत्रता दिवस परपीएम मोदी बोले- पांच सालों में मेडिकल कॉलेजों में 75 हजार नई सीटें बढ़ाएंगे, समारोह में 6000 विशेष मेहमान हुए शामिल
नई दिल्ली, स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्रचार से देश को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का जिक्र किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,”हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चर्चा की है। हमारे देश का एक वर्ग मानता है और उसमें सच्चाई भी है कि जिस सिविल कोड को लेकर हम जी रहे हैं, वह सचमुच में एक प्रकार का कम्युनल सिविल कोड है। भेदभाव करने वाला सिविल कोड है। इसलिए अब देश में एक सेकुलर सिविल कोड होना चाहिए।” कुछ लोग देश के प्रगति को नहीं देख सकते: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने बिना नाम लिए विपक्ष पर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा,”हम संकल्प के साथ बढ़ तो रहे हैं, लेकिन यह भी सच है कि कुछ लोग होते हैं, जो प्रगति देख नहीं सकते हैं। कुछ लोग भारत का भला सोच नहीं सकते हैं। देश को ऐसे लोगों से बचने की जरूरत है। ऐसे मुट्ठी भर निराशा के गर्त में डूबे हुए लोग, जब उनकी गोद में विकृति पलती है तो वह विनाश और सर्वनाश का कारण बन जाती है। ऐसे छुटपुट निराशावादी तत्वों को समझना चाहिए।
महिलाओं की सुरक्षा पर क्या बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इशारों ही इशारों में कोलकाता में हुए ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई अत्याचार सख्त एक्शन लेने की मांग की। उन्होंने कहा, ‘महिलाओं के खिलाफ राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द दंडित किया जाना चाहिए।’ हालांकि, उन्होंने अपने भाषण में कहीं भी इस घटना का जिक्र नहीं किया।
बांग्लादेश के हालात पर PM मोदी ने जताई चिंता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्रचार से बांग्लादेश के मौजूदा हालात पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ हुआ है। एक पड़ोसी देश को लेकर चिंता होना स्वभाविक है। वहां हालात जल्दी ठीक होंगे। वहां हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो।
हमारे पड़ोसी देश समृद्धि और शांति के मार्ग पर चलें:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, “एक पड़ोसी देश के तौर पर मैं बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ है, उससे जुड़ी चिंता को समझ सकता हूं। मुझे उम्मीद है कि वहां जल्द से जल्द स्थिति सामान्य हो जाएगी। 140 करोड़ देशवासियों की चिंता वहां के हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश समृद्धि और शांति के मार्ग पर चलें। हम शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं।”