निर्भया काण्ड : दोषियों को शुक्रवार को तडके फांसी
नई दिल्ली. निर्भया गैंगरेप केस के दोषियों की फांसी में अब 24 घंटे से भी कम का वक्त बचा है लेकिन दोषी अभी भी तिकड़म लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। चारों दोषियों ने फांसी रुकवाने के लिए फिर एक चाल चली है। दोषियों ने दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की है, जिसमें फांसी रुकवाने की मांग की गई है।
सूत्रों के मुताबिक इस अर्जी में दोषियों की अलग-अलग विचाराधीन याचिकाओं का हवाला दिया गया है। इसके अलावा दोषियों ने देश में फैले कोरोना महामारी का हवाला देते हुए कहा है कि यह समय फांसी के लिए सही नहीं है। दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया के सभी दोषियों को शुक्रवार को सुबह 5.30 बजे फांसी दी जाएगी।
जेल में फांसी की तैयारी पूरी कर ली गई है। अक्षय ठाकुर को छोड़कर बाकी तीन दोषियों पवन, विनय और मुकेश से उसके घरवाले अंतिम मुलाकात भी कर चुके हैं। फांसी पर लटकाने के लिए जेल अथॉरिटी ने 10 और कर्मचारियों को विभिन्न जेलों से फांसी देने वाली जेल नंबर 3 में तुरंत प्रभाव से शिफ्ट कर दिया है। 20 मार्च तक इनकी ड्यूटी इसी जेल में रहेगी। बुधवार को फांसी का रिहर्सल किया गया, जिसे कामयाब होना बताया गया है।
जेल अधिकारियों ने बताया कि 20 मार्च की सुबह 5:30 बजे चारों को फांसी पर लटकाने के लिए इन्हें तीन बजे उठा दिया जाएगा। हालांकि, अपनी फांसी होने की बात देखते हुए इन्हें 19-20 मार्च की रात को नींद आना मुश्किल ही है। लेकिन 20 मार्च की तड़के तीन बजे इन्हें उठाकर इनसे नहाने और नाश्ता करने के बारे में पूछा जाएगा।
अगर इनका मन होगा तो यह नहा लेंगे, नहीं तो ऐसा जरूरी नहीं है कि इन्हें नहलाना ही जरूरी है। फांसी के दो तख्तों पर चार हैंगर बनाए गए हैं, जहां इन चारों को फांसी दी जाएगी। इनमें से एक तख्ते के लीवर को जल्लाद पवन और दूसरे को जेल स्टाफ खींचेगा। इसके लिए जेल नंबर 3 का सुपरिटेंडेंट ग्रीन सिग्नल देगा। हालांकि, जेल के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि गुरुवार को यह दोषी एक बार फिर से पटियाला हाउस कोर्ट और आर्टिकल 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं। ऐसे में लगता है कि गुरुवार को दिनभर अदालती कार्रवाई चल सकती है।
यह भी हो सकता है कि फैसला होने में रात भी लग जाए। लेकिन अब इनकी फांसी टलना मुमकिन नहीं लग रहा है क्योंकि सीधे तौर पर इन चारों का अब कोई कानूनी अधिकार बाकी नहीं बचा है। अधिकारी का कहना है कि वैसे तो चारों के शवों का पोस्टमॉर्टम डीडीयू अस्पताल में ही कराया जाएगा, लेकिन अगर कानून-व्यवस्था की कोई समस्या होती दिखाई दी तो किसी और अस्पताल में भी पोस्टमॉर्टम कराया जा सकता है। पोस्टमॉर्टम डॉक्टरों के पैनल द्वारा किया जाएगा। इसकी वीडियोग्राफी भी कराई जा सकती है। जेल प्रशासन पूरी तैयारी में लगा हुआ है.
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