HEALTH;रात में बिना कपड़ों के सोना फायदेमंद या नुकसानदायक ?, जानें सेहत से जुड़े 5 रोचक तथ्य

अगर रात को अच्छी नींद आए, तो सुबह उठकर लोग फ्रेश महसूस करते हैं. रात में अच्छी नींद न आए, तो अगला दिन भी बर्बाद हो जाता है. रात में हर व्यक्ति अपनी कंफर्ट के अनुसार सोना पसंद करता है. किसी को अंधेरे में अच्छी नींद आती है, तो कुछ लोग हल्की लाइट जलाकर सोने में कंफर्टेबल होते हैं. कोई हल्के ढीले कपड़े पहनकर सोता है, तो कई लोग बिना कपड़ों के सोने में ज्यादा आरामदायक महसूस करते हैं. अक्सर लोगों का सवाल होता है कि क्या सच में बिना कपड़ों के सोना सेहत के लिए फायदेमंद है या यह सिर्फ एक ट्रेंड है? चलिए इस बारे में जरूरी बातें जान लेते हैं.
स्लीप एक्सपर्ट्स की मानें तो सोते समय शरीर का तापमान स्वाभाविक रूप से थोड़ा कम हो जाता है. अगर आप बहुत टाइट या मोटे कपड़े पहनते हैं, तो शरीर को ठंडा होने में दिक्कत होती है, जिससे नींद में बाधा आती है. बिना कपड़ों के सोने से बॉडी टेम्परेचर संतुलित रहता है और आप जल्दी गहरी नींद में चले जाते हैं. इससे शरीर को रिपेयर और रीकवरी करने का पर्याप्त समय मिलता है. नेशनल स्लीप फाउंडेशन के अनुसार ठंडे वातावरण में सोना नींद हार्मोन मेलाटोनिन के उत्पादन को बढ़ाता है, जिससे नींद गहरी और सुकूनभरी होती है.
जो लोग नींद न आने या बार-बार जगने की शिकायत करते हैं, उनके लिए बिना कपड़ों के सोना एक सरल उपाय हो सकता है. शरीर को ठंडक मिलने से नींद का चक्र स्थिर रहता है. इससे गहरी नींद की अवधि बढ़ती है और व्यक्ति सुबह उठकर ज्यादा तरोताजा महसूस करता है. यह मानसिक थकान और तनाव को भी कम करता है. दिनभर कपड़ों में रहने के कारण त्वचा को हवा नहीं मिल पाती है. खासकर गर्मी या उमस के मौसम में पसीना और फ्रिक्शन से रैशेज, फंगल इंफेक्शन या खुजली की समस्या हो सकती है. बिना कपड़ों के सोने से त्वचा को ऑक्सीजन और वेंटिलेशन मिलता है. इससे शरीर के नाजुक हिस्सों जैसे बगल, ग्रोइन एरिया और पीठ में हवा का संचार होता है और त्वचा स्वस्थ रहती है. हालांकि बिस्तर की चादर और तकिए हमेशा साफ रखें, ताकि बैक्टीरिया या धूल से संक्रमण न हो.
पुरुषों में बिना कपड़ों के सोना स्पर्म काउंट और टेस्टोस्टेरोन लेवल को बढ़ाने में मदद कर सकता है, क्योंकि शरीर का तापमान ठंडा रहने से प्रजनन अंगों को स्वस्थ बनाए रखने में सहायता मिलती है. महिलाओं के लिए यह वजाइनल हेल्थ के लिए फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि हवा लगने से वहां नमी और संक्रमण की संभावना कम होती है. न्यूड स्लीपिंग का सीधा संबंध मेंटल हेल्थ से भी है. बिना कपड़ों के सोने से शरीर और मन के बीच एक गहरा जुड़ाव महसूस होता है. यह तनाव और चिंता को कम करता है. कई रिसर्च में पाया गया है कि जो लोग बिना कपड़ों के सोते हैं, वे खुद को ज्यादा कॉन्फिडेंट और रिलैक्स महसूस करते हैं. त्वचा पर कपड़ों का दबाव न होने से शरीर में ऑक्सीटोसिन नामक फील-गुड हार्मोन का स्तर बढ़ता है.
अगर पति-पत्नी या पार्टनर साथ सोते हैं, तो बिना कपड़ों के सोना उनके रिश्ते में क्लोजनेस और इमोशनल बॉन्डिंग बढ़ा सकता है. स्किन-टू-स्किन टच से ऑक्सीटोसिन हार्मोन रिलीज होता है, जो प्यार, विश्वास और संतोष की भावना को मजबूत करता है. हालांकि यह तभी फायदेमंद है जब दोनों पार्टनर सहज महसूस करें और कमरे का तापमान ठीक हो. कमरे का तापमान बहुत ठंडा या बहुत गर्म न हो, बिस्तर और चादरें साफ और सूती हों. इसके अलावा एलर्जी, स्किन इंफेक्शन या हाइपोथर्मिया की समस्या हो तो बिना कपड़ों के सोने से बचें.




