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Sonam Wangchuk; सोनम वांगचुक गिरफ्तार, लद्दाख में हिंसा के बाद पुलिस का बड़ा एक्शन

श्रीनगर, लेह हिंसा के बाद शुक्रवार को लद्दाख पुलिस ने एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। पुलिस ने उन्हें हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किया है। बुधवार को लेह हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, आगजनी और लोगों के घायल होने की खबर भी सामने आई थी। सोनम वांगचुक को डीजीपी एस,डी, सिंह जामवाल के नेतृत्व वाली लद्दाख पुलिस टीम ने गिरफ्तार किया।

लेह पुलिस ने शुक्रवार को सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें अज्ञात स्थान पर ले गई है. वांगचुक को सरकार ने ‘भड़काऊ बयान’ देने के लिए दोषी ठहराया है, जिसके बाद लद्दाख में हिंसा भड़क गई थी. अधिकारियों के मुताबिक, वांगचुक की अगुवाई में लद्दाख राज्य का आंदोलन बुधवार को लेह में हिंसा, आगजनी और हिंसा में बदल गया, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और 40 पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 80 लोग घायल हो गए.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 24 सितंबर की रात एक बयान में आरोप लगाया था कि कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और ‘राजनीति से प्रेरित’ कुछ ऐसे लोग, जो सरकार और लद्दाखी समूहों के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत में हुई प्रगति से खुश नहीं हैं, उनके ‘भड़काऊ बयानों’ की वजह से भीड़ हिंसक हो गई.

मुझे दोषी ठहराना ‘बलि का बकरा’ बनाने की रणनीति: सोनम वांगचुक
हालांकि, जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने सरकार के आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने लद्दाख में हाल ही में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के लिए गृह मंत्रालय द्वारा उन्हें जिम्मेदार ठहराए जाने को ‘बलि का बकरा’ बनाने की रणनीति बताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इसका उद्देश्य हिमालयी क्षेत्र की मूल समस्याओं से निपटने से बचना है. उन्होंने बताया, “ये कहना कि यह (हिंसा) मेरे या कांग्रेस द्वारा भड़काई गई थी, समस्या के मूल से निपटने के बजाय बलि का बकरा ढूंढ़ने जैसा है, और इससे कोई हल नहीं निकलेगा.”

वांगचुक ने कहा, “वे किसी को बलि का बकरा बनाने की चालाकी कर सकते हैं, लेकिन वे बुद्धिमान नहीं हैं. इस समय, हम सभी को ‘चतुराई’ की बजाय बुद्धिमत्ता की आवश्यकता है, क्योंकि युवा पहले से ही निराश हैं.” सोनम वांगचुक ने कहा, “मैं देख रहा हूं कि वे कुछ ऐसा मामला बना रहे हैं, ताकि मुझे जन सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार करके दो साल के लिए जेल में डाल सकें. मैं इसके लिए तैयार हूं, लेकिन सोनम वांगचुक को आजाद रखने के बजाय जेल में डालने से समस्याएं और बढ़ सकती हैं.”

लेह हिंसा की निष्पक्ष जांच की मांग, सोनम वांगचुक का बचाव
दूसरी तरफ, कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) ने लद्दाख के लेह शहर में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई झड़पों की निष्पक्ष जांच की बृहस्पतिवार को मांग की और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन से लोगों को निशाना बनाने एवं उनका उत्पीड़न बंद करने को कहा. केडीए ने जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक का भी बचाव किया, जिन्हें सरकार ने ‘भड़काऊ बयान’ देने के लिए दोषी ठहराया है. संगठन ने हिंसा में मारे गए चार प्रदर्शनकारियों के परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए उन्हें ‘लद्दाख के नायक’ बताया.

चार वर्षों से लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग

‘लेह एपेक्स बॉडी’ और केडीए पिछले चार वर्षों से लद्दाख को राज्य का दर्जा देने सहित अपनी मांगों के समर्थन में संयुक्त रूप से आंदोलन चला रहे हैं और अतीत में सरकार के साथ कई दौर की वार्ता भी कर चुके हैं. लद्दाख के सांसद हनीफा जान और प्रमुख नेता सज्जाद कारगिली सहित केडीए के अन्य वरिष्ठ सदस्यों के साथ मौजूद करबलाई ने कहा कि जो कुछ भी हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण था, लेकिन सरकार ने जिस तरह से हालात को संभाला वह ‘हमारे घावों पर नमक छिड़कने’ जैसा था.

गृह मंत्रालय इन घटनाओं के लिए समान रूप से जिम्मेदार

उन्होंने कहा, “केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन और गृह मंत्रालय इन घटनाओं के लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं। हम पिछले पांच सालों से भी ज़्यादा समय से अपनी चार मांगों के समर्थन में शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे हैं, जिनमें राज्य का दर्जा, छठी अनुसूची का विस्तार, लोक सेवा आयोग और लेह व कारगिल के लिए अलग लोकसभा सीट शामिल हैं.”

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