SCHOOL, इस बार भी जर्जर स्कूल भवनों में होगा शाला प्रवेश उत्सव, कई भवनों का नहीं हो पाया जीर्णोद्धार
स्कूल भवन

महासमुंद, छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में 20 दिन के बाद १६ जून को नया शिक्षा सत्र प्रारंभ होगा और फिर से स्कूलों में रौनक लौटेगी। लेकिन, जर्जर स्कूल भवनों की मरम्मत अब तक नहीं हो पाई है। जबकि, तीन वर्ष पहले ही राज्य सरकार ने राशि जारी कर दी थी। मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत 594 स्कूल भवनों का जीर्णोद्धार करना था।
ऐसे में एक बार फिर पखवाडे भर बाद जिले के बदहाल स्कूलों में शाला प्रवेश उत्सव होगा, जहां टूटे-फूटे स्कूल भवन एवं जर्जर शौचालय होंगे। इस जिले में सरकार बदली है लेकिन चाल नहीं बदली है। सुशासन तिहार में भी जिले के किसी स्कूल मे सीएम विष्णु देव साय के कदम नहीं पडे। हालाकि पिछले दिनों फिसड्डी परिणाम के एवज में जिला शिक्षा अधिकारी को हटाया गया था।
सूत्र बताते है कि 594 में से 534 स्कूलों की आबंटन राशि जब्त हो गई है। 60 स्कूल भवनों में काम अभी चल ही रहा है। ऐसे में कई जर्जर स्कूल भवनों में प्रवेशोत्सव मनाया जाएगा। इसके अलावा नई सरकार बनने के बाद नए प्रस्ताव मंगाए गए थे। इसके तहत 91 स्कूलों ने प्रस्ताव दिया था। इन स्कूलों में मरम्मत कार्य जारी है। बताया जाता है कि 91 स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए मई माह में ही द्वितीय किस्त 74 लाख 38 हजार रुपए जिला शिक्षा विभाग को प्राप्त हुआ है। इससे कब तक स्कूलों को पैसा मिलेग्ग? और कब भवनों की मरम्मत होगी, ये तो अफसर ही बता पाएंगे।
200 स्कूल भवनों के रंगरोगन की जरुरत
बदहाल भवनों की मरम्मत नहीं होने से स्कूल खुलने के बाद विद्यार्थियों की पढ़ाई पर असर पड़ेगा। इसके अलावा बरसात के मौसम में छात्रों को बैठने में भी दिक्कत होगी। अधिकतर प्राथमिक शाला भवनों की मरम्मत हो रही है। अभी भी लगभग 200 से अधिक स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए राशि स्वीकृति का इंतजार है। स्वीकृति मिलने पर ही स्कूल भवनों का मरम्मत कार्य प्रारंभ होगा। डीईओ विजय लहरे ने बताया कि मरम्मत का कार्य जारी है। कार्य शीघ्र पूरा करने निर्देश दिए हैं।
इन स्कूलों की मरम्मत जारी
जानकार शिक्षकों का मानना है कि प्राथमिक शाला ठुमसा, प्राथमिक शाला नवागांव बागबाहरा, हाई स्कूल मुनगासेर, हाई स्कूल बोइरगांव, पिथौरा के खुसरुपाली प्राथमिक शाला, छाता पठार प्राथमिक शाला, सरायपाली का मोहगांव प्राथमिक शाला आदि भवनों में निर्माण कार्य प्रगति पर है। पूर्व में स्कूलों ने प्रस्ताव बनाकर दिया था। बाद में राशि मंजूर होने से पर काम शुरू किया गया।
बारिश में होगी दिक्कत
जिले के ज्यादातर स्कूलों में शौचालय जर्जर हो चुके हैं और दरवाजे टूट-फूटे हुए हैं। इससे छात्रों को परेशानी होती है। मरम्मत के लिए कई स्कूलों ने प्रस्ताव भेजा है। शिक्षा विभाग भी स्कूलों से प्रस्ताव मंगाने की तैयारी में हैं। जिससे सरकारी स्कूलों के छात्रों को दिक्कत न हो। प्राथमिक शालाओं में ज्यादातर बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ते हैं। प्राथमिक शाला भवन की छतों से पानी टपकता है। जिससे फर्श गीला हो जाता है। इसके बाद भी सुधार कार्य नहीं हो रहा है। इसके अलावा स्कूल परिसरों में भी पानी भर जाता है।