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US;भारत संग दोस्‍ती की 25 वर्षों की मेहनत खत्म… 50% टैरिफ लगाने के लिए ट्रंप को NATO एडवाइजर ने दिखाया आईना, चेताया भी

वॉशिंगटन, अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की ओर से भारतीय सामानों पर लगाया गया 50 फीसदी टैरिफ लागू हो गया है। डोनाल्ड ट्रंप ने पहले भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया। इसके बाद रूस से तेल खरीद की बात कहते हुए इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया। ट्रंप के इस फैसले पर दुनियाभर से प्रतिक्रिया आ रही है। नाटो गुट की एडवाइजर क्रिस्टल कौल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि ट्रंप का टैरिफ का फैसला अमेरिका और भारत के संबंधों को बड़ा नुकसान करेगा।

क्रिस्टल कौल ने कहा है कि भारत और अमेरिका के सबंध पिछले ढाई दशक में दोनों ओर से की कई कड़ी मेहनत से बने हैं। इसमें खुद डोनाल्ड ट्रंप का पहला पहला राष्ट्रपति कार्यकाल भी शामिल है। अब ये पूरे प्रयास और द्विपक्षीय संबंध संकट में हैं। इसकी वजह ट्रंप की ओर से भारतीय उत्पादों पर लगाया गया 50 प्रतिशत का टैरिफ है।

टैरिफ वापस लिए जाएं

कौल ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि ट्रंप के टैरिफ से भारत और अमेरिका के संबंधों को धक्का लगेगा। टैरिफ लगाने का ट्रंप का कदम व्यापार जगत को सीधे प्रभावित करेगा। ट्रंप को इस फैसले को तुरंत वापस लेना जरूरी है। ऐसा नहीं होता है तो अमेरिका और भारत के संबंधों को फिर से बेहतर करने में कई वर्ष लग सकते हैं।

क्रिस्टल कौल ने आगे कहा कि यह एक निर्देश की तरह है। अमेरिकी सरकार ये कर रही है लेकिन कई लोकतांत्रिक शासन व्यवस्थाएं भारत के प्रति ऐसा नहीं सोचती हैं। भारत के खिलाफ सख्त रुख ठीक नहीं है क्योंकि यह एक खास सहयोगी को हमसे दूर करता है। ऐसे में ट्रंप को अपने फैसले पर फिर से सोचते हुए इसे वापस लेना चाहिए।

फिजी के पीएम ने भी दिया रिएक्शन

अमेरिका की ओर से भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने पर फिजी के प्रधानमंत्री सितवेनी लिगामामादा राबुका ने प्रतिक्रिया दी है। मंगलवार को राबुका ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया कि हो सकता है कोई व्यक्ति आपसे बहुत खुश नहीं है लेकिन आप उन असहज स्थितियों को झेल सकते हैं।राबुका ने कहा कि मेरी अमेरिका के राष्ट्रपति से कोई व्यक्तिगत बातचीत नहीं हुई है। मैंने रूस के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बैठक का अनुरोध किया है और मेरी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक हुई है। मैंने कहा कि अब (टैरिफ) जो कुछ हो रहा है, उसका असर अमेरिका के साथ भारत के रिश्तों पर पड़ रहा है।

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