Waqf Bill; वक्फ संशोधन बिल को मिली राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की मंजूरी, अस्तित्व में आया नया कानून
वक्फ

नई दिल्ली, वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 कानून बन गया है। मैराथन बहस के बाद संसद के दोनों सदनों से पारित विधेयक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शनिवार देर रात मंजूरी दे दी। इसके साथ ही राष्ट्रपति मुर्मु ने मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2025 को भी अपनी स्वीकृति दे दी। सरकार ने एक अधिसूचना में कहा कि संसद से पारित वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। इससे पहले लोकसभा और राज्यसभा से वक्फ (संशोधन) विधेयक गरमागरम बहस के बाद पारित कर दिया था। वहीं, नए कानून को कांग्रेस, एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी (आप) ने अलग-अलग याचिकाओं के साथ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
अब पूरे देश में नया वक्फ कानून लागू हो जाएगा
शनिवार को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद वक्फ संशोधन बिल अब आधिकारिक रूप से कानून बन गया है। इस नए कानून को ‘वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025’ के नाम से जाना जाएगा, जो वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन, पंजीकरण और सरकारी जमीनों पर दावों को लेकर सख्त नियम लागू करता है। यह कदम वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में उठाया गया है।
वक्फ एक्ट में क्या-क्या बदल जाएगा?
नए कानून के तहत अब कोई भी वक्फ संपत्ति बिना लिखित दस्तावेज के दर्ज नहीं होगी। साथ ही, सरकारी जमीनों को वक्फ संपत्ति के तौर पर दावा करने पर रोक लगाई गई है। अगर कोई जमीन विवादित या सरकारी निकली, तो उसे वक्फ में दर्ज नहीं किया जाएगा। इसके लिए कलेक्टर को जांच का अधिकार दिया गया है। वक्फ संपत्तियों का पूरा ब्योरा अब ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज करना अनिवार्य होगा, जिसे 6 महीने के भीतर लागू करना है।
कानून में बोहरा और अघाखानी समुदायों के लिए अलग वक्फ बोर्ड बनाने का भी प्रावधान है। साथ ही, वक्फ बोर्ड में दो गैर-मुस्लिम सदस्यों और महिलाओं की नियुक्ति सुनिश्चित की गई है। वक्फ संपत्तियों के सर्वे का जिम्मा अब सर्वे कमिश्नर की जगह कलेक्टर को सौंपा गया है। इस बदलाव से वक्फ संपत्तियों पर पारदर्शिता बढ़ने की उम्मीद है, हालांकि विपक्ष इसे धार्मिक मामलों में दखल बता रहा है। सरकार का कहना है कि यह कानून देशहित में है और इससे वक्फ प्रणाली मजबूत होगी।