POLITICS; दुर्ग संसदीय क्षेत्र में कार्यकर्ताओं का संकट, बिलासपुर-राजनांंदगांव-महासमुंद क्षेत्र में ठेलहा घूम रहे कार्यकर्ता मायूस
रायपुर, छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव की तैयारी में कांग्रेस के नेता जुट गए हैं। पीसीसी चीफ दीपक बैज लगातार समन्वयकों की कर रहे है। अभी हाल ही में विधान सभा चुनाव में पराजय का सामना कर चुकी कांग्रेस लोकसभा चुनाव में गुटबाजी से जूझ रही है। कहीं पार्टी को कार्यकर्ता नहीं मिल रहे है, तो कहीं कहीं पर काग्रेसी ठेलहा घूम रहे है। दुर्ग संसदीय क्षेत्र में कार्यकर्ताओं का संकट है। जबकि बिलासपुर – राजनांदगांव-महासमुंद संसदीय क्षेत्र में कार्यकर्ता मायूस है। वहां उनकी कोई पूछ-परख नहीं हो रही है। यहां बाहरी कार्यकर्ता हावी है।
दुर्ग जिले से कांग्रेस पार्टी के तीन बड़े नेता अलग-अलग लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में है। इसमें प्रमुख रूप से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी बनाए गए हैं। इसी तरह से महासमुंद से पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को चुनाव लडाया जा रहा है, जबकि युवा चेहरा भिलाई नगर के विधायक देवेंद्र यादव बिलासपुर से प्रत्याशी बनाए गए हैं।
इस तरह से दुर्ग जिले के नेताओं के अलग-अलग संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने के कारण दुर्ग संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का संकट खड़ा होता जा रहा है क्योंकि सभी नेताओं के समर्थक उनके साथ उनके चुनाव वाले क्षेत्र में जाकर काम कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में दुर्ग संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे राजेंद्र साहू को भी अपने समर्थकों पर ही भरोसा करना पड़ रहा है, क्योंकि पार्टी के अधिकांश कार्यकर्ता यहां से पलायन कर गए हैं।
इस समय पूरे प्रदेश में दुर्ग जिला चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां से कांग्रेस पार्टी के तीन बड़े नेताओं को अलग-अलग लोकसभा क्षेत्र का प्रत्याशी बनाया गया है। इसकी वजह से चुनाव लड़ने वाले नेताओं के समर्थक भी उनके साथ हो लिए हैं। वे दुर्ग जिले को छोड़कर उन लोकसभा क्षेत्र में चले गए हैं, जहां पर उनके नेता चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसी स्थिति के बाद दुर्ग संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का एक तरफ से टोटा हो गया है।
दूसरी ओर बिलासपुर-महासमुंद-राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र में बाहरी कार्यकर्ता हावी हो गए है। वहां स्थानीय कार्यकर्ता उपेक्षित महसूस कर रहे है। उनकी कोई पूछ परख नहीं हो रही है। बाहरी प्रत्याशी भी स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर भरोसा नहीं कर पा रहे है। इसके चलते चुनाव प्रचार व्यवस्थित नहीं हो पा रहा है। महासमुंद जिले के प्रभारी मंत्री रहे कांग्रेस प्रत्याशी ताम्रध्वज साहू से स्थानीय कांग्रेसियों की नाराजगी बनी हुई है, क्योंकि कई नेताओं के काम नहीं हुए थे ,वे अब अपनी नाराजगी जता रहे है। कुछ ऐसी ही स्थिति राजनादगांव एवं बिलासपुर की है। स्थानीय कार्यकर्ता अपमानित महसूस कर रहे है। ऐसे में कांग्रेस को यहां अपनों एवं परायों दोनों से जूझना पड रहा है।
पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कोरबा लोकसभा में जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष नजीर अज़हर और कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक यू.डी. मिंज को कोरबा संसदीय क्षेत्र का लोकसभा समन्वयक नियुक्त किया है। नव नियुक्त लोकसभा समन्वयकों को कोरबा संसदीय क्षेत्र में पहुंचकर स्थानीय पार्टी संगठन के पदाधिकारियों, जिले के वरिष्ठ कांग्रेसजनों सहित पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी से सम्पर्क और समन्वय बनाकर चुनाव प्रचार-प्रसार को गति प्रदान करते हुए पार्टी की जीत सुनिश्चित करने की दिशा में आवश्यक कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया है।