POLITICS; पूर्व सीएम बघेल बोले-ट्रेने रद्द,यात्री सुविधा बदहाल, गुटबाजी के चलते साय केबिनेट का विस्तार नहीं
रायपुर, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा के 10-10 सांसद जीत कर आने के बाद भी छत्तीसगढ़ में यात्री सुविधा बदहाल है। 1000 से अधिक ट्रेने रद्द हो गयी है और छत्तीसगढ़ में माल लदान में रिकार्ड बना रहे है। उन्होंने कहा कि भाजपा में गुटबाजी के कारण मंत्रिमंडल के पद नहीं भरे जा रहे। मंत्रिमंडल के दो पद खाली है।
पत्रकारों से चर्चा करते हुये पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यात्रियो के साथ लगातार कोरोना काल से लेकर अब तक केन्द्र सरकार छत्तीसगढ़ के यात्रियों के साथ दोयम दर्जे की व्यवहार कर रही है जो घोर निंदनीय है। इस मामले में छत्तीसगढ़ सरकार को ध्यान देना चाहिये। केन्द्र सरकार में 10-10 सांसद जीत कर आये है उनको इस मामले में पहल करनी चाहिये।
मुख्यमंत्री एवं मंत्रियों के एक ही दिन जनदर्शन पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि इसका मतलब यह मुख्यमंत्री का कद कम करने वाली बात है। उनके मंत्री द्वारा यह किया जा रहा है। मुख्यमंत्री जनदर्शन कर रहे है उसके बाद दो मंत्री भी जनदर्शन कर रहे है। यहां पर गुटबाजी देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि गुटबाजी के कारण मंत्रिमंडल के पद नहीं भरे जा रहे। मंत्रिमंडल के दो पद खाली है। विधानसभा उपाध्यक्ष पद खाली है उसे भी भरा नहीं जा रहा है। इसका मतलब यह है भारतीय जनता पार्टी में जबरदस्त गुटबाजी है। सरकार कौन चला रहा है अदृश्य शक्ति दिखाई नहीं देता, किसकी चल रही है ये पता नहीं। अधिकारी किसके निर्देश पर काम कर रहें है उनको पता नहीं। इसलिये कोई काम होता दिखाई नहीं दे रहा है। सारे जगह काम ठप है।
उन्होंने कहा कि सीएम विष्णुदेव लगातार दिल्ली दौड़ लगा है। हल्ला हो गया इसमें 4 और ड्राप हो गया, इसमें सारे मंत्री अपने-अपने स्तर पर लगे हुये है। कुछ काम तो किये नहीं सीआर बनाने से क्या होगा? सारे सिनियर लीडर खाली बैठे है। चाहे अमर अग्रवाल हो, चाहे धरमजीत हो, धरमलाल कौशिक हो, अजय चंद्राकर , राजेश मूणत , लता उसेंडी, विक्रम उसेंडी, रेणुका सिंह सारे लीडर बचे है। ये है इसको संभाला कैसे जाय? ये लोग नये शिगुफा छोड़ रहे है कि ये ध्यान हट के उधर जाये, उधर ध्यान हटे तो इधर भेजते है। बृजमोहन अग्रवाल को अलग ही कर दिये। चाहते नहीं थे लोकसभा लड़ना, लड़ गये और जीत गये तो मंत्री पद से इस्तीफा देना नहीं चाहते, इस्तीफा तो मांग लिये। अब डॉ. रमन सिंह को खो करने की कोशिश कर रहे है। अब यह स्थिति चल रहा है। राजस्थान में मंत्री से इस्तीफा ले लिया है लेकिन स्वीकार नहीं हुआ है। अभी उत्तर प्रदेश भी संभाले नहीं जा रहा है। अभी तो घमासान सब जगह मचने वाली है।