TERROR;’पहलगाम हमले पर बुलाया जाए संसद का विशेष सत्र’,राहुल गांधी और खरगे का पीएम मोदी को पत्र
कांग्रेस

नई दिल्ली, पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पूरे देश में दहशत का माहौल है। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आतंकी हमले पर चर्चा करने का अनुरोध किया। साथ ही पत्र में संसद का विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध किया गया है।
पिछले हफ्ते हुए आतंकी हमले के बाद से विपक्ष के कई सांसदों ने सरकार से ऐसी मांग की है। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में आगे कहा गया, ‘इस समय में एकता और एकजुटता जरूरी है, इस महत्वपूर्ण समय में भारत को यह दिखाना होगा कि हम आतंकवाद के खिलाफ हमेशा एकजुट हैं।’
‘इच्छाशक्ति का एक शक्तिशाली प्रदर्शन करेंगे’
खरगे के मुताबिक, संसद का विशेष सत्र बुलाकर सभी 22 अप्रैल को निर्दोष नागरिकों पर पहलगाम में हुए क्रूर आतंकी हमले से निपटने के लिए हमारे सामूहिक संकल्प और इच्छाशक्ति का एक शक्तिशाली प्रदर्शन करेंगे। हमें उम्मीद है कि सत्र तदनुसार बुलाया जाएगा। कांग्रेस के संचार प्रमुख जयराम रमेश ने मंगलवार सुबह पत्र जारी किया।
राहुल गांधी ने पीएम मोदी से की ये अपील
राहुल गांधी ने भी पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने लिखा, ‘प्रिय प्रधानमंत्री जी, पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने हर भारतीय को झकझोर कर रख दिया है। इस नाजुक समय में भारत को यह दिखाना होगा कि हम आतंकवाद के खिलाफ हमेशा एकजुट रहेंगे। विपक्ष का मानना है कि संसद के दोनों सदनों का एक विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए, जहां जनता के प्रतिनिधि अपनी एकता और दृढ़ संकल्प दिखा सकें। हम अनुरोध करते हैं कि ऐसा विशेष सत्र जल्द से जल्द बुलाया जाए।’
चीन के बाद अमेरिका ने भी भारत को दिया धोखा? चुपके-चुपके डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ कर ली बड़ी ‘डील’
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 हिंदू पर्यटकों के नरसंहार के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच जंग जैसे हालात बन गए हैं. भारत ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि वह किसी भी कीमत पर इस हमले के गुनहगारों और साजिशकर्ताओं को सजा देकर ही रहेगा.माम देशों ने भारत के कार्रवाई करने के अधिकार का समर्थन किया है. लेकिन, दुनिया की दो बड़ी शक्तियों चीन और अमेरिका का रुख स्पष्ट नहीं है. भारत की धरती पर हुए इस हमले के बाद इन दोनों ने इसकी कड़ी निंदा की थी. चीन ने कहा था कि वह किसी भी तरह के आतंकवाद की कड़ी निंदा करता है. अमेरिका ने भी इसकी निंदा की थी. लेकिन, चंद दिनों के भीतर ही इनके रुख बदलने लगे. रविवार को चीन ने पाकिस्तान की ओर से इस हमले की कथित तौर पर स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग का समर्थन कर दिया. वहीं, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने एक बयान में कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों उसके अच्छे दोस्त हैं. उनके इस बयान से ही संशय की स्थिति पैदा हो गई थी.
द रेसिस्टेंस फ्रंट का नाम हटा दिया
अब एक और खबर आ रही है. इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दिनों अमेरिका ने पहलगाम हमले के बाद भारत की एक बड़ी मुहिम को पटरी से उतार दिया है. दरअसल, पहलगाम हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) नामक एक आतंकवादी संगठन ने ली है. यह लश्कर ए तैयबा का सहयोगी संगठन है. भारत की पहल पर पहलगाम हमले की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने निंदा की. इसके लिए तैयार प्रस्ताव में द रेसिस्टेंस फ्रंट का नाम था. लेकिन, पाकिस्तानी डिप्लोमेटों ने अमेरिका के साथ जमकर सौदेबाजी की और अंतिम प्रस्ताव से इस आतंकवादी संगठन का नाम हटवा दिया.