
रायपुर, एशिया की सबसे बड़ी बताई जाने वाली नंदनवन जंगल सफारी एक बार फिर विवादों में है। यहां रहने वाली बाघिन ‘बिजली’ ने 6 अप्रैल 2025 को दो बाघ शावकों को जन्म दिया था। जिनकी मौत हो गई। इनमें एक शावक तो जन्म के समय ही मृत मिला, जबकि दूसरा शावक कमजोर था और लगातार निगरानी के बाद भी 13 अप्रैल को उसकी हालत बिगड़ गई। उसे बचाने की कोशिश की गई, लेकिन अगले दिन यानी 14 अप्रैल को उसने दम तोड़ दिया।
वन विभाग ने 16 अप्रैल को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मौत की पुष्टि की। सफारी प्रबंधन के मुताबिक, जन्म के समय ही एक शावक मृत था। दूसरा शावक बेहद कमजोर था, जिसे सीसीटीवी की निगरानी में रखा गया था। जानकारी के अनुसार 13 अप्रैल को शावक ने सिर्फ एक बार ही दूध पिया। उसकी हालत बिगड़ने पर 14 अप्रैल को दोपहर 3:20 बजे उसे मां से अलग कर नियोनाटल केयर यूनिट में लाया गया। जांच में उसका शरीर का तापमान 92°F (33.3°C) पाया गया, जो सामान्य से काफी कम था। तत्काल इलाज शुरू किया गया, लेकिन दोपहर 3:28 बजे उसकी मौत हो गई। बाघिन बिजली ने 29 अगस्त 2023 को भी चार शावकों को जन्म दिया था और उनका बर्थडे सफारी प्रबंधन ने धूमधाम से मनाया था।
घायल बाघ का इलाज जंगल सफारी में
बीजापुर जिले के इंद्रावती टाइगर रिजर्व के बफर जोन में शिकारियों के जाल में फंसकर एक बाघ घायल हो गया। बाघ के पैरों में गंभीर चोटें आईं और घाव सड़ने लगे। वन विभाग की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बाघ को रेस्क्यू किया, प्राथमिक उपचार दिया और बेहतर इलाज के लिए जंगल सफारी भेजा।
बस्तर संभाग के बीजापुर जिले में इंद्रावती टाइगर रिजर्व के बफर जोन, कांदुलनार, मोरमेड़ और तोयनार गांवों के बीच घने जंगल में एक बाघ शिकारियों द्वारा लगाए गए तार के फंदे में फंस गया। इस फंदे की वजह से बाघ के दोनों पैर बुरी तरह जख्मी हो गए, जिसके कारण घावों में कीड़े पड़ गए और सड़न शुरू हो गई। वन विभाग को इस घटना की जानकारी मिलते ही उनकी टीम तुरंत मौके पर पहुंची और घायल बाघ का उपचार शुरू किया। सूत्रों के अनुसार, बाघ की उम्र पांच से छह वर्ष है।