कला-साहित्य

MAHANADI;आरती के साथ ही महानदी के उद्गम से जनजागरण और जलसंरक्षण की नई शुरुआत

महानदी

रायपुर, छत्तीसगढ़ की जीवनदायिनी महानदी अब केवल एक नदी नहीं, बल्कि जनभागीदारी, पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक जागरण की मिसाल बनती जा रही है। मुख्यमंत्री की प्रेरणा से मोर गांव मोर पानी की अवधारणा को साकार करने हेतु शुरू किए गए मॉं अभियान की पहली कड़ी 2 मई को धमतरी जिले के नगरी-सिहावा क्षेत्र में देखी गई, जब लगभग दो हजार लोगों ने सामूहिक श्रमदान से नदी सफाई की ऐतिहासिक शुरुआत की।

महानदी के उद्गम स्थल सिहावा के फरसियां गांव से लेकर गणेश घाट तक फैले लगभग 14 किलोमीटर लंबे नदी क्षेत्र की सफाई कर स्थानीय लोगों ने यह दिखा दिया कि जलसंरक्षण केवल सरकारी योजना नहीं, बल्कि सामूहिक संकल्प है। अभियान की शुरुआत फरसियां स्थित मां महामाई मंदिर में विधिवत पूजा और महानदी आरती के साथ हुई। इस दौरान मॉं अभियान के उद्देश्य, भाव और विस्तार की जानकारी वीडियो प्रस्तुति के माध्यम से दी गई।

महानदी उद्गम क्षेत्र को पर्यटन के साथ जलसंरक्षण की दृष्टि से विकसित करना इसी सोच का हिस्सा है। यह प्रयास न केवल जलस्तर बढ़ाने में सहायक होगा, बल्कि रोजगार, सांस्कृतिक पर्यटन और ग्रामीण विकास का मार्ग भी प्रशस्त करेगा। अभियान में जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण सार्वा, विधायक श्रीमती अंबिका मरकाम, जनपद उपाध्यक्ष हृदय साहू समेत स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

महानदी की महिमा पर कविता पाठ, आरती, जलकलश यात्रा और शपथ कार्यक्रमों के माध्यम से इस अभियान को धार्मिक-सांस्कृतिक चेतना से जोड़ा गया। गणेश घाट से कर्णेश्वर महादेव मंदिर तक महिलाओं द्वारा निकाली गई जलयात्रा ने इस अभियान को आध्यात्मिक भाव से भी जोड़ दिया।

जिला प्रशासन द्वारा महानदी उद्गम स्थल के सर्वांगीण विकास की योजना तैयार की गई है। इसमें एनीकट निर्माण, घाट सौंदर्यीकरण, पीचिंग कार्य, वृक्षारोपण, मंदिर परिसर में पेयजल, चित्रकारी, सड़क विकास, ओवरहेड टैंक, साइनबोर्ड जैसी सुविधाएं शामिल हैं। साथ ही धार्मिक स्थलों पर कर्मकांडों के लिए समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

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