जिला प्रशासन

SAND MAFIA;चुनाव के बाद जिले में बदल गए जनप्रतिनिधि, फिर भी चल रहा रेत का खेल

अवैध खनन

रायपुर, महानदी में दिन-रात अवैध रेत खनन जारी है, जो कि पंचायत चुनाव के दौरान उम्मीदवारों द्वारा की गई घोषणा के विपरीत है। चुनाव के बाद भी अवैध खनन 24 घंटे बदस्तूर जारी है, जिससे रेत माफिया करोड़ों की काली कमाई कर रहे हैं।

अवैध खनन और परिवहन पर कार्रवाई के लिए सरपंच, सचिव, खनिज, राजस्व, परिवहन, पर्यावरण विभाग को जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं कर रहा है। यह अवैध खनन न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि यह स्थानीय लोगों के लिए भी खतरनाक है।

कुम्हारी, पारागांव, हरदीडीह, कुरुद, कागदेही और लखना में रेत पर मुनाफाखोरी की जा रही है। यहां एक हाइवा रेत की कीमत पांच से छह हजार रुपये ली जा रही है, जो निर्माण स्थल पर पहुंचकर 12 से 14 हजार तक हो जाती है। जबकि सरकार ने एक घन मीटर की लोडिंग की कीमत 150 रुपये प्रति घन मीटर के हिसाब से 1,500 रुपये प्रति हाईवा तय की है। रेत की कीमत नौ से 10 हजार रुपये रेत माफियाओं द्वारा ली जा रही है।

रॉयल्टी की कालाबाजारी

रेत खनन करने वालों द्वारा यदि एक हाईवा की रायल्टी मांगी जाती है, तो 700 रुपये की रायल्टी का 3,000 रुपये लिया जाता है। बता दें कि सिर्फ परिवहन पर कार्रवाई हो रही है ऐसे में कार्रवाई से बचने के लिए रायल्टी पर्ची खरीदना मजबूरी है। दूसरी ओर सरकारी निर्माण में एक-एक ट्रिप की रायल्टी लेनी पड़ती है।

13 ग्राम सचिव पर हुई थी कार्रवाई

बीते वर्षों में भाजपा सरकार ने आरंग के 13 ग्राम सचिव पर अवैध खनन और भंडारण में संलिप्तता को लेकर निलंबन की कार्रवाई की थी। इस मामले पर जिन-जिन पर कार्रवाई की जिम्मेदारी है सभी पर कार्रवाई का प्रविधान है।

Related Articles

Back to top button