CONFERENCE; लोक सेवा गारंटी अधिनियम पर सीएम साय सख्त, देरी के लिए जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई करें

0 मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में ‘सुशासन संवाद’ कार्यक्रम में जिलों के नवाचारों पर हुई विस्तृत चर्चा
रायपुर, मंत्रालय महानदी भवन के पंचम तल स्थित ऑडिटोरियम में आज मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में ‘सुशासन संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वन मंत्री केदार कश्यप, स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव, मुख्य सचिव विकास शील, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, विभागीय सचिव, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, डीएफओ सहित राज्य के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

नवाचार जनसेवा के केंद्र में हो – मुख्यमत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि नवाचार ऐसे हों जो दीर्घकालिक रूप से व्यवहारिक हों, नागरिकों की सुविधा बढ़ाएं, और शासन की फ्लैगशिप योजनाओं को सहयोग दें। राज्य सरकार नवाचारों का स्वागत करती है, परंतु यह ध्यान रखना आवश्यक है कि बुनियादी प्रशासनिक कार्य इससे प्रभावित न हों। नवाचार तुगलकी प्रयोग न बनें, बल्कि नागरिक जीवन को सरल बनाने का माध्यम बनें।
स्थायी और व्यावहारिक नवाचारों पर जोर
मुख्यमंत्री कलेक्टरों को निर्देश दिए कि जो भी नवाचार हों, उनमें लोगों की राय अवश्य शामिल की जाए और उनके प्रभाव का फीडबैक लिया जाए। कई बार जिले में किए गए नवाचार आने वाले अधिकारियों की प्राथमिकता में नहीं रहते, इसलिए इनकी स्थायित्व और उपयोगिता पर विशेष ध्यान दिया जाए। नवाचार का उद्देश्य जनता की सेवा और पारदर्शिता में वृद्धि होना चाहिए।
लोक सेवा गारंटी अधिनियम पर सख्त रुख
मुख्यमंत्री साय ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम को सरकार की सबसे महत्वपूर्ण पहल बताया। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी सेवाएं निर्धारित समय में गुणवत्तापूर्ण ढंग से दी जाएं और यदि देरी होती है तो जिम्मेदार अधिकारियों पर अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि अगली समीक्षा में यह देखा जाएगा कि कितने मामलों का समय पर निराकरण हुआ और कितने अधिकारियों पर कार्रवाई की गई।
कार्यालयीन अनुशासन और स्वच्छता पर विशेष बल
सुशासन एवं अभिसरण विभाग द्वारा आरंभ किए गए ‘पुराने दस्तावेज हटाओ’ अभियान की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यालयों में वर्षों पुराने अनुपयोगी फाइलें न केवल जगह घेरती हैं, बल्कि नागरिकों में गलत छवि भी बनाती हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी कलेक्टर अपने कार्यालयों को व्यवस्थित करें ताकि पारदर्शिता और कार्यक्षमता बढ़ सके।
ई-ऑफिस प्रणाली का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित करें
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सुशासन का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम ई-ऑफिस प्रणाली है। उन्होंने सभी विभागों को निर्धारित समय सीमा में इसे पूरी तरह लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मैनुअल प्रक्रिया पर निर्भरता घटाना आवश्यक है और सभी लंबित फाइलों को डिजिटल माध्यम में लाना होगा ताकि पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित हो सके।
ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल और डिजिटल गवर्नेंस को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज डिजिटल गवर्नेंस का युग है। सभी कलेक्टर सुनिश्चित करें कि ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर अधिकाधिक सेवाएं उपलब्ध हों और जनता ऑनलाइन सेवाओं का लाभ उठा सके। उन्होंने निर्देश दिया कि नागरिकों में डिजिटल सेवाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक सेवा को डिजिटल करना ही पारदर्शी शासन की दिशा में सबसे बड़ा कदम है।
शिकायतों के समाधान में पारदर्शी व्यवस्था
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जनता की शिकायतों का त्वरित और पारदर्शी निराकरण प्रशासन की जिम्मेदारी है। सभी कलेक्टर शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर सूचीबद्ध करें और डिजिटल माध्यम में उनके समाधान की स्थिति उपलब्ध कराएं। इससे नागरिकों का भरोसा बढ़ेगा और भ्रष्टाचार की संभावनाएं समाप्त होंगी। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में मैनुअल गवर्नेंस से भ्रष्टाचार बढ़ा, जबकि डिजिटल प्रणाली जवाबदेही सुनिश्चित करती है।
फील्ड विजिट और निरीक्षण की स्थायी प्रणाली बने
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि केवल आकस्मिक निरीक्षण से प्रशासन नहीं सुधरता। फील्ड विजिट को स्थायी प्रक्रिया के रूप में अपनाया जाए। उन्होंने कहा कि जैसे पानी की गहराई का अंदाजा पानी में उतरे बिना नहीं होता, वैसे ही योजनाओं की सच्चाई फील्ड में जाकर ही पता चलती है। नियमित निरीक्षण से न केवल सुधार होता है बल्कि आंकड़ों की बाजीगरी पर भी नियंत्रण रहता है।
मुख्य सचिव श्री विकास शील ने कहा कि ब्यूरोक्रेसी को ट्रांसफॉर्म करने का समय आ गया है। नई कार्य संस्कृति और तकनीक को अपनाए बिना सुशासन संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि जनता में विश्वास बढ़ाना है, तो उच्चाधिकारियों को खुद उदाहरण प्रस्तुत करना होगा। उन्होंने कहा कि जब हम स्वयं समय पर दफ्तर पहुंचेंगे, तभी नीचे तक अनुशासन की संस्कृति बनेगी।
जिलों के नवाचारों की प्रस्तुति और कॉफी टेबल बुक का विमोचन
कार्यक्रम में रायपुर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, जशपुर और उदंती वन अभयारण्य के नवाचारों की विस्तृत प्रस्तुति दी गई। मुख्यमंत्री ने जिलों में हो रहे नवाचारों पर आधारित ‘कॉफी टेबल बुक’ का विमोचन किया और अधिकारियों को सराहा जिन्होंने जमीनी स्तर पर योजनाओं को परिणाममुखी बनाया।