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परीक्षार्थियों के सपने की हत्या के लिए फांसी की सजा हो!

लोक सेवा आयोग भारतीय संविधान  की धारा 315 के द्वारा स्थापित ऐसी संस्था है जिसके माध्यम से राज्य के द्वितीय और तृतीय श्रेणी के शासकीय सेवकों का चयन होता है। ये बात गौर करने वाली है कि छत्तीसगढ़ में चतुर्थ श्रेणी के चपरासी  पद के लिए भी चयन लोक सेवा आयोग द्वारा किया गया। सच और अफवाह के बीच ये बात सार्वजनिक हुई थी कि छह लाख रुपए देने पर नियुक्ति हो सकती है।
देश के लाखों युवक युवतियां हर साल  अपने सपने को सच करने के लिए जी जान झोंकते है। अपने अभिभावकों की आमदनी से कोचिंग सेंटर में जाते है। ऑन लाइन पढ़ाई करते है।किताबें खरीदते है। घंटों समय खपाते है। प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण होते है, इंटरव्यू देते है। उनमें योग्यता होती है लेकिन  टोमन सिंह, आरती वासनिक, जीवन लाल ध्रुव जैसे लोग न जाने कितने योग्य परीक्षार्थियों की उम्मीद पर नालायक लोगों को बैठा कर पानी फेर देते है।
लोकसेवा आयोग की परीक्षा देने की अधिकतम उम्र निर्धारित है, सोचिए जिस परीक्षार्थी के पास अंतिम अवसर रहा हुआ होगा और अपनी मेहनत के बल पर इंटरव्यू तक पहुंचने के बाद यदि  टोमनसिंह, आरती वासनिक  जीवन लाल ध्रुव के नीच हरकतों के चलते  असफल रह गया तो इसकी सजा क्या  भारतीय दंड संहिता की धारा120B,420,  सहित भ्रष्ट आचरण अधिनियम की धारा7और 12 अंतर्गत दी जाने वाली अधिकतम 7साल की सजा पर्याप्त है।
लोकसेवा आयोग के 2021की परीक्षा संपादित करने वाले छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग के सारे अधिकारी   केवल ज्ञात 18 संभावनाओं की हत्या करने के दोषी है। राज्य के चालबाज नेता, व्यापारी और अधिकारी जिनकी औलादे  निकम्मे थे उनको चयनित कर संभावनाओं से लबरेज योग्य  परीक्षार्थियों के मेहनत का कत्ल करने के दोषी है।
माना जाता है अपने मस्तिष्क का सर्वोतम उपयोग कर लोक सेवा आयोग में चयनित होने वाले ईमानदार व्यक्ति,भ्रष्ट तरीके से चयनित होने की तुलना में कम बेईमान होते है। भ्रष्ट तरीके से चयनित लोक सेवक विनियोग कर के आया होता है, वह सेवा नहीं पद पर बैठकर व्यापार करता है। ईमान तो पहले ही बेच कर आया होता है बेइमानी के मिसाल खड़ा करता है। 
ऐसे ज्ञात अठारह डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी, एक्साइज अधिकारी की नियुक्ति टोमन सिंह सोनवानी,आरती वासनिक ,जीवन लाल ध्रुव ने किया। पिछले लोक सेवा आयोग की सारी परीक्षाएं संदिग्धता के घेरे में है। सरकारी पदों की बोली खुले आम लग रही थी। परीक्षाओं के प्रश्न पत्र नगद अग्रिम  भुगतान के आधार पर बिक रहे थे।
संवैधानिक संस्था  का इतना अवमूल्यन किसी भी हाल में बर्दास्त नहीं किया जाना चाहिए। टोमन सिंह सोनवानी आरती वासनिक ,जीवन लाल ध्रुव सहित सभी भ्रष्ट अधिकारियों को  हर धारा में दिए जाने अधिकतम सजा को अलग अलग भुगतने की सजा मिलनी चाहिए। दुख इस बात का है सपनो की हत्या करने वालो पर भारतीय दंड संहिता  की धारा 302 नहीं लगती है अन्यथा पिछले लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष, सचिव,साल, परीक्षा नियंत्रक सहित सभी सदस्यों सहित लाभान्वित भ्रष्ट परीक्षार्थियों को सरे आम फांसी की सजा दिया जाना चाहिए।

स्तंभकार-संजय दुबे

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