ओडिशा हाईकोर्ट के 75 साल पूरे; राष्ट्रपति ने कहा- फैसले में देरी से जेल में कट रहा जीवन, जल्द मिले न्याय
कटक, विलम्ब से मिलने वाली न्याय चिंता का कारण बन गई है। विलम्ब से न्याय मिलने से पीड़ितों को परेशान होना पड़ रहा है। इसके लिए कइयों का जीवन जेल में कटता है। न्याय में देरी के कारण पीड़ित भी हताश हो रहे हैं। त्वरित न्याय पीड़ित एवं निर्दोष दोनों के लिए सहायक होगी। वंचितों को उपयुक्त न्यायिक सुविधा मिलनी चाहिए। ये बातें मैंने पहले भी कही है, अब पुन: इसे दोहरा रही हूं। मुझे उम्मीद है कि इससे सामान्य लोगों को भी आसानी से न्याय मिल सकेगी।
जवाहरलाल नेहरू इंडरो स्टेडियम में आयोजित ओडिशा उच्च न्यायालय के 75वें प्रतिष्ठा दिवस पूर्ति समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लेकर त्वरित न्याय प्रदान के ऊपर महत्व देते हुए उक्त बातें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कही है। जय जगन्नाथ के साथ अपना अभिभाषण शुरू करने के साथ ही कारगिल विजय दिवस अवसर पर शहीद जवानों को राष्ट्रपति ने नमन किया। ओडिशा के शहीद पद्मपाणी आचार्य का भी उन्होंने अपने भाषण में उल्लेख किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि समाज के अनेक वर्ग हैं जो मुकदमा नहीं लड़ सकते हैं। ऐसे में न्याय से वंचित लोगों को किस प्रकार से न्याय मिले, इस पर ध्यान देने की जरूरत है। राष्ट्रपति ने कहा कि हमें पता है अनेक वकील हैं, जो मुफ्त में सेवाएं दे रहे हैं, मैं उन्हें धन्यवाद देती हूं।
ओडिशा हाईकोर्ट ने सुनाए कई अहम फैसले: राष्ट्रपति मुर्मू
राष्ट्रपति ने कहा कि ओडिशा हाईकोर्ट मात्र 4 न्यायाधीश से शुरू हुआ था और आज इस उच्च न्यायालय में 33 न्यायाधीश हैं। ओडिशा हाईकोर्ट ने अनेक सफल न्यायाधीशों की सृष्टि की है। अपनी स्थापना से लेकर आज तक इस हाईकोर्ट ने कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए हैं। इस उच्च न्यायालय के कई न्यायाधीश सुप्रीमकोर्ट में भी न्यायाधीश बने। ओडिशा हाईकोर्ट ने देश का मुख्य न्यायाधीश भी दिया है।
राष्ट्रपति ने यहीं से कारगिल विजय दिवस के अवसर कारगिल युद्ध में शहीद जवानों को अपनी श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत इतिहास के लिए आज गौरव का दिन है। कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों को मैं श्रद्धांजलि देती हूं। इस तरह के गौरव दिवस पर ओडिशा हाईकोर्ट की स्थापना दिवस पर मैं सभी को नमन करती हूं।
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर एक डाक टिकट का भी विमोचन किया। गौरतलब है कि राष्ट्रपति का काफिला राजभवन से आज तड़के कटक के लिए रवाना हुआ। कटक पहुंचने के बाद राष्ट्रपति ने कटक मां चंडी मंदिर गई और मां का आशीर्वाद लेने के साथ ही देश एवं विश्व के लोगों के कल्याण के लिए प्रार्थना की।
इसके बाद राष्ट्रपति ने उत्कल गौरव मधुसूदन दास की प्रतिमूर्ति पर माल्यार्पण करने के साथ नेताजी सुभाष चन्द्र बोष जन्म स्थान पर पहुंची। यहां पर राष्ट्रपति ने नेताजी की प्रतिमूर्ति पर माल्यार्पण करने के साथ ही नेताजी संग्रहलाय को देखा। समारोह में ओडिशा के राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल, राज्य के कानून मंत्री जगन्नाथ सारका, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डा.एस.मुरलीधर, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष धरणीधर नायक के साथ तमाम वरिष्ठ न्यायाधीश एवं वकील उपस्थित थे। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डा.जस्टिस एस.मुरलीधर ने समारोह में स्वागत भाषण दिया।