कंपनी को वर्क आर्डर देने के एवज में लिया था 39 लाख कमीशन; पापुनि के पूर्व जीएम ने बेटे के खाते में कराया जमा
रायपुर, ईओडब्ल्यू ने शुक्रवार को पाठ्य पुस्तक निगम (पापुनि) के पूर्व जीएम अशोक चतुर्वेदी के खिलाफ शुक्रवार को 925 पेज का चालान विशेष न्यायाधीश निधि शर्मा तिवारी की कोर्ट में पेश किया। चालान में चतुर्वेदी पर आरोप लगाया गया कि अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उन्होंने चहेते कंपनी को टेंडर जारी करने के साथ ही नियमों को ताक पर रखकर वर्क आर्डर जारी किया था। इसके एवज में 39 लाख रुपए का कमीशन भी लिया।कमीशन की यह रकम अपने बेटे के बैंक खाते में जमा कराया।
उपसंचालक अभियोजन ने बताया कि पापुनि के पूर्व जीएम अशोक चतुर्वेदी के खिलाफ कोर्ट में पद के दुरुपयोग कर टेंडर जारी करने के साथ भ्रष्टाचार के प्रकरण में चालान पेश किया गया है। चालान के साथ 20 गवाहों की सूची भी कोर्ट को सौंपी गई है। चालान में बताया गया कि किश्तों में आरोपित अशोक चतुर्वेदी ने कमीशन लिया। स्कूलों में ग्रीन बोर्ड, रेट्रो रिफ्लेक्टिव साइन बोर्ड की आपूर्ति के लिए टेंडर जारी किया गया था। चार कंपनियों के टेंडर जमा होने के बाद रायपुर के सुंदरनगर स्थित अपने करीबी ओम कंपनी को उन्होंने टेंडर जारी किया। इसके साथ ही वर्क आर्डर जारी कर पांच करोड़ 38 लाख 64 हजार 126 रुपए का भुगतान किया था। इसके एवज में प्रथम किश्त के रूप में 34 लाख और दूसरी किश्त में पांच लाख रुपए का कमीशन लिया।
कंपनी ने 21 अगस्त 2018 से 22 मई 2019 के बीच ग्रीन बोर्ड, रेट्रो रिफ्लेक्टिव साइन बोर्ड की स्कूलों में आपूर्ति की। भ्रष्टाचार का यह पूरा खेल सुनियोजित तरीके से किया गया। जांच के दौरान इसके दस्तावेज भी ईओडब्ल्यू ने बरामद किए। चालान में बताया गया कि ईओडब्ल्यू की टीम ने आंध्रप्रदेश के गुंटुर से अशोक चतुर्वेदी को 30 जून को गिरफ्तार किया था। इसके बाद एक जुलाई को कोर्ट में पेश करने के बाद पूछताछ के लिए 10 दिन के रिमांड पर लिया। इस दौरान छह जुलाई को रायपुर स्थित दफ्तर, अग्रोहा कालोनी और दुर्गूकोंदल में पुस्तैनी घर, उनके रिश्तेदारों के दरभा (जगदलपुर) में दबिश दी गई थी। रिमांड की अवधि पूरी होने पर 10 जुलाई को कोर्ट में पेशकर न्यायिक रिमांड पर आरोपित अधिकारी को रायपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया।