प्राइमरी में बीएड वालों की भर्ती को चुनौती;हाई कोर्ट ने बीएड वालों की काउंसिलिंग, चयन सूची पर रोक लगाई
बिलासपुर, सहायक शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया में हाई कोर्ट ने बीएड अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग और अंतिम चयन सूची जारी करने पर रोक लगा दी है। याचिकाओं पर सोमवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की बेंच में सुनवाई हुई। याचिकाओं में सहायक शिक्षक भर्ती में बीएड करने वालों को अवसर देने को चुनौती दी गई है।
छत्तीसगढ़ शासन ने सहायक शिक्षकों के करीब 6500 पदों पर भर्ती के लिए 4 मई 2023 को विज्ञापन जारी किया था। विज्ञापन में ही छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा (भर्ती तथा शैक्षणिक संवर्ग) भर्ती नियम 2019 में संशोधन किया गया। जिसके अनुसार सहायक शिक्षक की भर्ती के लिए स्नातक के साथ बीएड और डीएड अनिवार्य योग्यता रखी गई।
10 जून 2023 को परीक्षा हुई जिसमें बीएड और डीएड करने वाले अभ्यर्थी शामिल हुए। इसके बाद डीएड चुके कुछ उम्मीदवारों ने वकील के जरिए हाई कोर्ट में याचिका लगाई। याचिका में कहा गया कि डीएड कोर्स में प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को पढ़ाने का विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। शेष|पेज 14
बीएड में उच्चतर कक्षाओं में अध्ययन-अध्यापन की ट्रेनिंग दी जाती है। याचिका के अनुसार हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में दिए गए निर्णय में कहा है कि कक्षा 1 से कक्षा 5 तक की कक्षाओं के लिए बीएड करने वाले अभ्यर्थी पात्र नहीं होंगे। इसके लिए डीएड करने वालों को ही पात्र माना जाएगा।
संसाेधन रद्द करने की मांग
प्राइमरी क्लास में बीएड करने वालों को शामिल करने से शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होगी, क्योंकि वे प्राइमरी क्लास में पढ़ाने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित नहीं हैं। याचिकाकर्ताओं ने 2019 में किए गए संशोधन को निरस्त करने की मांग की। हाई कोर्ट ने शिक्षक भर्ती में बीएड करने वालों की काउंसिलिंग और अंतिम चयन सूची जारी करने पर रोक लगा दी है। साथ ही राज्य शासन से जवाब मांगा गया है।