सरकार के दमनकारी नीति के बाद भी 17 को महिला पर्यवेक्षक आंदोलन करेंगे
रायपुर, छत्तीसगढ़ महिला पर्यवेक्षक कल्याण संघ द्वारा ग्रेड पे में वृद्धि तथा वेतन विसंगति दूर करने की मांग के लिए लगातार आंदोलन किया जा रहा है। किंतु महिला बाल विकास विभाग व विभागीय मंत्री मांगों की उपेक्षा कर रहे हैं। अंततोगत्वा पुनः 16 एवं 17 मार्च को दो दिवसीय सांकेतिक हड़ताल का निर्णय लिया गया था। जनहित में दो दिवसीय आंदोलन को एक दिवसीय करते हुए 17 मार्च को एकदिवसीय आंदोलन किया जा रहा है। किंतु संचालक एवं कार्यक्रम अधिकारी अवकाश स्वीकृत न करने, वेतन काटने का आदेश जारी कर आंदोलन पर दमनकारी चक्कर चला रहे हैं। दमन के बाद भी आंदोलन किया जावेगा।
पर्यवेक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष श्रीमती ऋतु परिहार एवं प्रवक्ता विजय कुमार झा ने बताया है कि आज 17 मार्च को बूढ़ातालाब धरना स्थल पर सिमित संख्या में सांकेतिक आंदोलन ग्रेड पे एवं वेतन विसंगति दूर करने के लिए किया जा रहा है। शासन प्रशासन को 1 सप्ताह पूर्व सूचना दिया गया है, तथा जिला प्रशासन द्वारा आंदोलन स्थल बूढ़ातालाब में ध्वनि विस्तारक यंत्र के प्रयोग की अनुमति भी दे दी गई है। किंतु संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी रायपुर पत्र जारी कर जिलों में आंदोलन तिथि को अवकाश स्वीकृत न करने व वेतन काटने का आदेश जारी किया गया है। नारी शक्ति का सम्मान स्वयं नारी होकर न करते हुए आंदोलन को और गति प्रदान करने हेतु उत्प्रेरित किया जा है।
पर्यवेक्षक संघ के सदस्य शुक्रवार को दोपहर 11 बजे से बूढ़ातालाब धरना स्थल में धरना देकर अपनी मांगों की ओर शासन का ध्यान आकृष्ट करेंगे। यदि वेतन काटा जाता है और अवकाश अस्वीकृत किया जाता है तो धरना स्थल पर ही अनिश्चितकालीन आंदोलन की धोषणा कर, सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का निर्णय लिया जाएगा। संध के संरक्षक श्रीमती रंजना ठाकुर, कोषाध्यक्ष याचना शुक्ला, सचिव जयश्री साहू, संभागीय अध्यक्ष अनुराधा सिंह, महामंत्री विभा मसीह, प्रवक्ता रीता चौधरी, आदि ने ने महिला पर्यवेक्षकों से अपील की है कि अधिक से अधिक संख्या में धरना स्थल पर उपस्थित होकर आंदोलन को सफल बनाएंगे। आंदोलन का समर्थन कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने किया है।