कानून व्यवस्था

सिंधिया राज परिवार; बुआओं ने मांगा सिंधिया की संपत्ति में हिस्सा

ग्वालियर, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने मंगलवार को उस मामले की सुनवाई की, जिसमें केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ ऊषा राजे, वसुंधरा राजे और यशोधरा राजे ने संपत्ति में हिस्सा लेने के लिए दावा पेश किया है। सुनवाई में हाई कोर्ट के आदेश की जानकारी दी गई कि दोनों पक्ष समझौते के तहत विवाद का निराकरण करना चाहते हैं। इसके लिए दिल्ली में मीडिएशन चल रहा है। जब तक मीडिएशन पूरा होकर रिपोर्ट नहीं आ जाती है, तब तक वाद की सुनवाई पर रोक लगा दी है। अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने इस केस की तारीख बढ़ा दी, अब 13 जून को इस मामले की सुनवाई होगी।

साल 2010 में संपत्ति के विवाद को लेकर न्यायालय में एक वाद पत्र पेश किया

दरअसल ऊषा राजे, वसुंधरा राजे, यशोधरा राजे ने वर्ष 2010 में संपत्ति के विवाद को लेकर न्यायालय में एक वाद पत्र पेश किया। उनकी ओर से तर्क दिया गया कि पिता की संपत्ति में बेटियों का बराबर का हक है, इसलिए उन्हें भी संपत्ति में हिस्सा दिया जाए। यह केस 2010 से न्यायालय में लंबित है। एक अन्य वाद पत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी बुआओं के खिलाफ पेश किया है। दोनों वाद पत्र न्यायालय में लंबित हैं। इन वाद पत्रों की सुनवाई हुई तो दोनों पक्षों ने सहमति दी कि मध्यस्था के माध्यम से विवाद को खत्म किया जाएगा। न्यायालय ने इस मामले को विशेष केस में चिह्नित कर लिया है।

न्यायालय देना चाहता था जल्द फैसला

न्यायालय बुआओं के दावे पर जल्द सुनवाई खत्म कर फैसला देना चाह रहा था। इन्हें कोर्ट ज्यादा समय नहीं दे रहा था, जिसके चलते एक आवेदन पेश किया कि देश व विदेश में काफी संपत्तियां हैं। इन संपत्तियों पर समझौता करने में समय लग रहा है, इसलिए वाद की सुनवाई रोकी जाए। न्यायायल ने इस आवेदन को तीन जनवरी 2023 को खारिज कर दिया। इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मीडिएशन खत्म होने तक वाद की सुनवाई पर रोक लगाने की मांग की। इसे हाई कोर्ट ने स्वीकार करते हुए वाद की सुनवाई पर रोक लगा दी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button