राज्यशासन

छत्तीसगढ की सियासत ‘कही-सुनी’

रवि भोई

भाजपा की दूसरी लिस्ट 28 सितंबर के बाद

चर्चा है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की दूसरी लिस्ट 28 सितंबर के बाद जारी हो सकती है। 28 सितंबर को परिवर्तन यात्रा का बिलासपुर में समापन होना है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि परिवर्तन यात्रा के समापन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आ सकते हैं। इसके बाद दूसरी सूची आ सकती है। माना जा रहा है दूसरी लिस्ट में करीब 52 लोगों के नाम हो सकते हैं। भाजपा पहले ही 21 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। कहा जा रहा है कि 2018 में हारी हुई 52 सीटों के लिए ही भाजपा पहले प्रत्याशियों की घोषणा करेगी। खबर है कि भाजपा हाईकमान ने नामों को अंतिम रूप दे दिया है , घोषणा भर बाकी है। वैसे पहले घोषित 21 उम्मीदवारों में से कइयों के नाम पर स्थानीय स्तर पर अब भी बवाल मचा हुआ है। कुछ जगह लोग खुलकर सामने आ गए हैं तो कहीं-कहीं दबी जुबान से बात कर रहे हैं।

आसमान में कांग्रेस प्रत्याशियों की लिस्ट

कांग्रेस की प्रभारी महासचिव कुमारी सैलजा ने पार्टी प्रत्याशियों की पहली लिस्ट छह सितंबर को जारी करने का ऐलान कर दिया था, लेकिन सितंबर बीतने को जा रहा है और अब तक लिस्ट का अता-पता नहीं हैं। प्रत्याशियों के नामों पर स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में चर्चा भी हो चुकी थी। केंद्रीय चुनाव समिति का मुहर लगना बचा था। कहते हैं कांग्रेस ने मंत्रियों और पक्की जीत की संभावना वाले विधायकों को टिकट देने का मन बना लिया है , फिर भी भाजपा की बराबरी करने में कांग्रेस पीछे क्यों हट रही है, लोगों को समझ में नहीं आ रहा है। चर्चा है कि कुछ मंत्री इस बार चुनाव क्षेत्र बदलना चाहते हैं, इस कारण कांग्रेस की लिस्ट आसमान में लटकी हुई है।

अजब-गजब कलेक्टर साहब

कहते हैं एक कलेक्टर साहब से नेता-पत्रकार सभी परेशान हैं। ये साहब किसी का फोन नहीं उठाते। यहां तक कांग्रेसी नेताओं के भी मोबाईल नहीं उठाते। अब जिले के मुखिया राजनेताओं के फोन नहीं उठाएंगे, तो उनकी दुकान चलेगी कैसे ? कलेक्टर साहब पत्रकारों को भी भाव देते नहीं हैं। चर्चा है कि सत्ता में बैठे एक ताकतवर नेता के मुंह लगे होने के कारण कलेक्टर साहब किसी की परवाह नहीं करते। एक कलेक्टर साहब ऐसे हैं कि लोगों के ज्ञापन लेने में भी भय खाते हैं। पिछले दिनों एक क्षेत्रीय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजधानी के पड़ोस के जिले में धरना कर कलेक्टर साहब से मिलकर ज्ञापन सौंपने की बात कही तो उन्होंने दो टूक कह दिया, हमारे जिले में तो एडीएम साहब ही ज्ञापन लेते हैं। नेताजी ने जब पूछा कलेक्टर साहब का काम क्या तो उन्होंने फोन काट दिया। अब कलेक्टर नेताओं के फोन नहीं उठाएंगे, लोगों से मिलेंगे नहीं तो जनता का दर्द क्या समझेंगे ?

राजभवन से खुश नहीं भाजपा नेता

कहते हैं भाजपा के कुछ नेता राजभवन से खुश नहीं हैं। कुछ नेता ऐसे हैं कि अब भाजपा के प्रतिनिधि मंडल के साथ राजभवन जाने से मना करने लगे हैं। चर्चा है भाजपा के नेता राज्यपाल महोदय को कई मुद्दों पर ज्ञापन सौंपकर सरकार के खिलाफ एक्शन चाहते हैं, लेकिन भाजपा नेताओं को एक्शन नजर नहीं आ रहा है। खबर है कि कुछ समय पहले राजभवन से जुड़े एक अफसर भाजपा के कुछ नेताओं को महामहिम से मिलने से रोक रहे थे। बाद में ये नेता पूर्व मुख्यमंत्री से अप्रोच लगवाकर राजभवन जा सके। वैसे राजभवन से जुड़े अफसर से महामहिम से मिलने जाने वाले भी दुखी बताए जाते हैं। आम लोग महामहिम से एकांत में अपना दर्द बयां करना चाहते हैं, पर वे साये की तरह जमे रहते हैं।

भाजपा नेताओं का फटा गुस्सा

कहते हैं पिछले दिनों भाजपा की कई समितियों से जुड़े नेताओं का गुस्सा फट पड़ा। भाजपा ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अलग-अलग कामों के लिए समितियां गठित कर दी है। इसमें क्रय समिति , वित्त समिति,स्वागत समिति, वाहन समिति और भी कई समितियां हैं। चर्चा है कि पिछले दिनों समिति के पदाधिकरियों की बैठक हुई। बैठक में अलग-अलग समितियों के पदाधिकारी एक साथ भड़क उठे। चर्चा है कि सभी पदाधिकारी इस बात से खफा थे कि उनसे पूछे बिना सब काम कर लिया जाता है , फिर समिति और उन्हें पदाधिकारी बनाने का औचित्य क्या है ? बड़े नेताओं ने आगे उनकी पूछपरख बढ़ाने का आश्वासन तो दिया है,देखते हैं आगे क्या होता है।

क्या यही है परिवर्तन ?

भाजपा 2023 में छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने के लिए परिवर्तन यात्रा निकाली हुई है। खबर है कि परिवर्तन यात्रा वाहन में छत्तीसगढ़ की जगह राजस्थान का नक्शा प्रिंट करवा दिया गया। लोग कह रहे हैं क्या यही परिवर्तन है। इस पर बवाल मचने के बाद सुधरवाया गया। कहा जा रहा है परिवर्तन यात्रा वाहन पर नक्शा बनवाने वाले एक शख्स रायपुर उत्तर से टिकट के दावेदार हैं। लोग मजे ले रहे हैं कि इस शख्स को टिकट मिल गया और जनता ने उन्हें चुन लिया तो ये विधानसभा में छत्तीसगढ़ की जगह राजस्थान की बात करने लगेंगे। खबर है कि नक्शा बनवाने में भूमिका निभाने वाले एक शख्स का वास्ता राजस्थान से है। लोग चुटकी ले रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में रहकर ये अभी तक शायद राजस्थान को भूल नहीं पाए हैं।

छत्तीसगढ़ पीएससी फिर सुर्ख़ियों में

छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग एक बार फिर सुर्ख़ियों में है। इस बार गलत चयन को लेकर नहीं, बल्कि भाई-भतीजावाद को लेकर। पीएससी के कर्णधारों ने नैतिकता को खूंटी में टांगकर पदों को अपने रिश्तेदारों के बीच बांट दिया। कुछ महीने पहले भी मामला उठा था, लेकिन जोर पकड़ नहीं पाया था। इस बार मामला हाईकोर्ट तक पहुँच जाने से तूल पकड़ लिया। छत्तीसगढ़ पीएससी शुरू से चर्चा में रहा है , लेकिन इस बार कुछ ज्यादा ही हो गया। सरकार गड़बड़ी की जांच कराने की बात कर रही है। अब किससे कराएगी, इसका खुलासा नहीं किया है। पीएससी एक संवैधानिक संस्था है। यहां से चयनित राज्य की मशीनरी के अंग होते हैं। मशीन के कलपुर्जे ही गुणवत्ता वाले नहीं होंगे तो सिस्टम ठीक से कैसे काम करेगा, यह बड़ा सवाल है ?

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार और पत्रिका समवेत सृजन के प्रबंध संपादक हैं।)

Narayan Bhoi

Narayan Bhoi is a veteran journalist with over 40 years of experience in print media. He has worked as a sub-editor in national print media and has also worked with the majority of news publishers in the state of Chhattisgarh. He is known for his unbiased reporting and integrity.

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