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21 मार्च को बराबर होंगे दिन और रात; इस घटना को कहते हैं वसंत संपात

 रायपुर, खगोलीय घटना क्रम में मंगलवार 21 मार्च को दिन और रात बराबर होंगे। 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की ही रात होगी।प्राप्‍त जानकारी के अनुसार ऐसा सूर्य विषुवत रेखा पर लंबवत होने से होगा। उल्‍लेखनीय है कि खगोलविद् इस घटना को वसंत संपात कहते हैं। इसी दिन से ग्रीष्म ऋतु का प्रारंभ होना माना गया है।

खगोलीय के जानकारों ने इस संबंध में अध‍िक जानकारी देते हुए बताया कि 21 मार्च को सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध एवं सायन मेष राशि में प्रवेश कर जाएगा। इसी के साथ धीरे-धीरे दिन बड़े और रातें छोटी होने लगेंगी। यह क्रम 21 जून तक जारी रहेगा। वर्ष में दो बार दिन व रात के बराबर होने की स्थिति बनती है। सूर्य के उत्तरायण के मध्य व सूर्य के दक्षिणायन के मध्य आने से दिन व रात 12-12 घंटे के होते हैं।

वास्तव में हमारी पृथ्वी साढ़े तेईस अंश झुकी हुई स्थिति में सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती है। इससे कर्क रेखा, भूमध्य रेखा और मकर रेखा के बीच सूर्य की गति दृष्टि गोचर होती है। इसी स्थिति में 21 मार्च और 23 सितंबर को सूर्य भूमध्य रेखा पर लंबवत रहता है। वहीं 23 सितंबर को सूर्य दक्षिणी गोलार्ध में प्रवेश कर जाएगा। पृथ्वी अपने उत्तरायण पक्ष को 187 दिन में पूरा करती है। 21 मार्च से 23 सितंबर तक धीमी लेकिन 23 सितंबर से 21 मार्च तक गति तीव्र हो जाती है। इससे यह पक्ष 178 दिन में ही पूरा हो जाता है। पृथ्वी 3 जनवरी को सूर्य के सबसे ज्यादा समीप व 4 जुलाई को ज्यादा दूर होती है।

जानकारों ने बताया कि इस खगोलीय घटन को शंकु यंत्र और नाड़ी वलय यंत्र के माध्यम से देखा जा सकेगा। 21 मार्च को शंकु की छाया पूरे दिन सीधी रेखा (विषुवत रेखा) पर गमन करती हुई दिखाई देगी। 21 मार्च के पूर्व नाड़ीवलय यन्त्र के दक्षिणी गोल भाग (24 सितम्बर से 20 मार्च तक) पर धूप थी। 21 मार्च को उत्तरी तथा दक्षिणी किसी गोल भाग पर धूप नहीं होगी तथा 22 मार्च से अगले छ: माह (22 सितम्बर तक) नाड़ी वलय यन्त्र के उत्तरी गोल पर धूप रहेगी।

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