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मुख्यमंत्री वृक्षसंपदा योजना के लिए 100 करोड़ का प्रावधान; देश के 74% लघु वनोपजों की खरीदी कर तीन वर्षों से अव्वल रहा छत्तीसगढ़

रायपुर, वन एवं जलवायु परिवर्तन, आवास एवं पर्यावरण, परिवहन तथा विधि-विधायी मंत्री मोहम्मद अकबर द्वारा विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अपने विभागों से संबंधित 4 हजार 481 करोड़ 80 लाख रूपए की प्रस्तुत अनुदान मांगे ध्वनि मत से पारित की गई। इनमें न्याय प्रशासन एवं निर्वाचन के लिए 707 करोड़ 19 लाख रूपए, परिवहन विभाग के लिए 124 करोड़ 75 लाख रूपए, आवास एवं पर्यावरण विभाग के लिए 955 करोड़ 25 लाख रूपए और वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के लिए 2 हजार 694 करोड़ रूपए की राशि शामिल हैं।

वन्य एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री अकबर द्वारा प्रस्तुत अनुदान मांगों में राज्य में वनों के संरक्षण तथा संवर्धन सहित वनवासियों के उत्थान पर विशेष जोर दिया गया है। साथ ही इसमें स्थानीय वनवासियों की सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा तथा उनके आय के साधन में वृद्धि के लिए पूरा-पूरा ध्यान रखा गया है। इसके तहत वर्ष 2023-24 के बजट में आज 21 मार्च को विश्ववानिकी दिवस के अवसर पर शुरूआत हुई राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के लिए बजट में 100 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी तरह छत्तीसगढ़ प्रतीकात्मक वनरोपण निधि से व्यय के लिए 1000 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है।

छत्तीसगढ़ में वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में वन विभाग अंतर्गत ईमारती लकड़ी के व्यापार में वृद्धि करने के लिए 166 करोड़, पर्यावरण वानिकी हेतु 33 करोड़, राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभ्यारण्यों के विकास के लिए 29 करोड़ रूपए तथा अभ्यारण्य क्षेत्रों के लिए 41 करोड़ 46 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। राज्य में भू-जल तथा जल संरक्षण कार्यों के लिए 280 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में कैम्पा मद अंतर्गत वनांचल में नरवा विकास कार्यक्रम के तहत बढ़े पैमाने पर भू-जल संरक्षण संबंधी कार्य किए जा रहे है। इसके तहत वनांचल में चार वर्षों के दौरान 6 हजार 395 नालों में डेढ़ करोड़ से अधिक संरचनाओं का निर्माण प्रगति पर है। इससे लगभग 23 लाख हेक्टेयर भूमि का उपचार होगा।

प्रदेश में छत्तीसगढ़ में अब तक वन क्षेत्रों में बड़े तादाद में वन अधिकार मान्यता प्रदान की गई है। इसके अलावा राज्य में तेंदूपत्ता संग्राहकों के सामाजिक सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए राज्य सरकार द्वारा शहीद महेन्द्र कर्मा सामाजिक सुरक्षा योजना लागू की गई है। इसमें तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार के मुखिया की सामान्य मृत्यु पर दो लाख रूपए तथा दुर्घटना मृत्यु पर 4 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी तरह वनवासियों के उत्थान के लिए वर्ष 2018-19 में तत्कालीन सरकार द्वारा मात्र 07 वनोपजों का भारत सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर क्रय किया जाता था। राज्य सरकार द्वारा इसे बढ़ाकर वर्तमान में 65 लघु वनोपजों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था की गई है। इसके परिणाम स्वरूप लगातार तीन वर्षों से छत्तीसगढ़ राज्य ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पूरे देश का 74 प्रतिशत लघु वनोपज खरीदी कर एक कीर्तिमान स्थापित किया है।

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