कानून व्यवस्था

प्रश्नपत्र छपवाने में गड़बड़ी; चार साल बाद शिक्षा अफसर को मिली सजा

रायपुर, राज्य स्तरीय आकलन परीक्षा-2019 में प्रश्न पत्र छपवाने के मामले में राज्य सरकार ने कोरबा के तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी सतीश कुमार पांडेय को दोषी पाया है। विभाग ने उनकी दो वेतनवृद्धि रोकने और उनसे सात लाख 38 हजार रुपये की वसूली का निर्देश दिया है।

चार वर्ष बाद केवल एक शिक्षा अफसर पर कार्रवाई, बाकी की जांच तक नहीं

बता दें कि आकलन परीक्षा के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद से राज्य स्तरीय प्रश्न पत्र बनवाया गया था। कोरबा, महासमुंद, कांकेर, राजनांदगांव, मुंगेली और सरगुजा जिलों के शिक्षा अधिकारियाें ने स्थानीय स्तर पर भी प्रश्न पत्र छपवा लिया था। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डा. आलोक शुक्‍ला ने कहा कि कोरबा की गड़बड़ी की जांच पूरी करने के बाद सजा सुनाई है। हालांकि सतीश पांडेय ने जांच पर सवाल खड़ा करते हुए उसे एकतरफा बताया और अपील करने की बात कही है।

जशपुर डीईओ के खिलाफ बनी जांच समिति

जशपुर में अनुकंपा नियुक्ति में गड़बड़ी का मामला विधानसभा में उठने के बाद विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारी जेके प्रसाद के विरूद्ध विशेष जांच समिति गठित की है। समिति पूरे मामले की जांच करेगी। भाजपा विधायकों ने मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम पर डीईओ को बचाने का आरोप लगाया था। डीईओ ने दिवंगत कर्मचारी देवचरण नायक के पुत्र दुर्गेश राम को ग्रेड तीन की नियुक्ति दे दी है। इस मामले में शिकायत हुई कि परिवार में पहले से ही उनका एक पुत्र सरकारी नौकरी में है। इससे पहले अनुकंपा नियुक्ति में गड़बड़ी करने पर जांजगीर-चांपा के तत्कालीन शिक्षा अफसर केएस तोमर और बिलासपुर के तत्कालीन शिक्षा अफसर पी.दासरथी को निलंबित किया जा चुका है।

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