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हिंसक जख्मी बाघिन के घाव तेजी से भर रहे; फिर से जंगल में छोडने की तैयारी

रायपुर, सरगुजा ओड़गी के जंगल में सोमवार को दो ग्रामीणों को मारने वाली बाघिन के शरीर में 7-8 जख्म हैं। ग्रामीणों ने अपना बचाव करने के लिए उस पर कुल्हाड़ी से हमला किया था। बाघिन के शरीर पर कुछ घाव इतने गहरे हैं कि 80 से ज्यादा टांके लगाने पड़े हैं। उसे जंगल सफारी के ऐसे रेस्क्यू सेंटर में रखा गया है, जहां ज्यादा लोगों का मूवमेंट नहीं रहता। वन विभाग के कर्मी केवल वहां जा रहे हैं।

सीसीटीवी कैमरे से 24 घंटे उसकी निगरानी की जा रही है। बाघिन अभी ज्यादा चल-फिर नहीं रही है। उसके शरीर में जहां जहां गहरा घाव था, वहां टांके लगाए गए हैं। बाघिन के घाव भरने के बाद दोबारा टांके खाेलने की जरूरत नहीं होगी। ऐसे टांके लगाए जा रहे हैं जो वहीं नष्ट हो जाएंगे। विभाग के जानकारों के अनुसार बाघिन अभी ज्यादातर समय एक ही जगह बैठी रहती है।भोजन देने वाले स्टाफ के अलावा केवल डाक्टर ही उसके बाड़े के आस-पास जा रहे हैं। दो दिनों से वह भरपूर भोजन कर रही है। उसे पानी पीते भी देखा गया है। उसकी एक्टिविटी देखकर ही अफसरों का कहना है कि उसकी स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है।

वन विभाग बाघिन को दोबारा खुले जंगल में छोड़ने की प्लानिंग के तहत ही उसका उपचार करवा रहा है। एक माह के भीतर अगर वह पूरी तरह से स्वस्थ्य हो गई तो वन विभाग की कमेटी के सामने उसकी पूरी रिपोर्ट पेश की जाएगी। कमेटी परीक्षण के बाद उसे दोबारा जंगल में छोड़ने का फैसला लेगी।

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