राज्यशासन

छत्तीसगढ की सियासत ‘कही-सुनी’

रवि भोई

संघ ने संभाली 2023 के विधानसभा चुनाव की कमान ?

कहते हैं छत्तीसगढ़ में 2023 के विधानसभा चुनाव की कमान अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ( आरएसएस) ने संभाल ली है। चर्चा है कि संघ के दिशा-निर्देश पर ही भाजपा 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी। माना जाता है 2018 के विधानसभा चुनाव में संघ के लोग भाजपा के नेताओं से नाराज होकर घर बैठ गए थे , जिसके चलते भाजपा राज्य में 15 सीटों पर सिमट गई थी। कहा जा रहा है संघ जमीनी स्तर पर भाजपा के लिए आधार मजबूत करने में लग गई है। खबर है कि चुनाव के नजरिए से ही छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में संघ के शीर्ष नेताओं की दो बार बैठक हो चुकी है और ब्लाक-जिला स्तर पर भी संघ के पदाधिकारी लगातार बैठक कर रणनीति बनाने और लोगों के ब्रेन वाश में लग गए हैं। एक तरफ संघ राज्य में भाजपा की जीत के लिए जमीन को उपजाऊ बनाने में लगा है, तो दूसरी तरफ भाजपा के नेता बैठकों में लगे हैं। सुनते हैं बैठकों और कार्यक्रमों से भाजपा के जमीनी नेता अब उबने लगे हैं। पर संघ के अनुशासन और नसीहत के आगे भाजपा के नेता और कार्यकर्ता नतमस्तक हैं। 10 अप्रैल के छत्तीसगढ़ बंद में भाजपा पर संघ और विहिप का प्रभाव लोगों को समझ में आया। 9 अप्रैल की शाम को बिरनपुर की घटना को लेकर विहिप ने बंद का फैसला लिया और भाजपा के नेता-कार्यकर्ता बंद कराने के अभियान में लग गए। छत्तीसगढ़ चैंबर आफ कामर्स के बंद को समर्थन दिए बिना ही भाजपा को सफलता मिल गई।

ईडी छापे पर उलझे शराब कारोबारी

कहते हैं ईडी के छापे को लेकर शराब कारोबारी आपस में उलझने लगे हैं। कहा जा रहा है शराब कारोबारी जानकारी लीक करने और ईडी तक सूचना पहुंचने को लेकर आपस में एक दूसरे पर शक कर रहे हैं। खबर है कि कुछ शराब कारोबारी खांटी कांग्रेसी हैं और मध्यप्रदेश के जमाने से कांग्रेस से उनका जुड़ाव है। कुछ कारोबारी सत्ता के साथ पाला बदलते रहे। ऐसे कुछ कारोबारी अपने साथियों के निशाने पर बताए जाते हैं। शराब के कारोबार में मनमुटाव और आपसी रंजिश कोई नई बात नहीं है। जब छत्तीसगढ़ में शराब कारोबार का सरकारीकरण नहीं हुआ था और ठेके के लिए बोली लगती थी तो तनावपूर्ण माहौल हुआ करता था। कभी -कभी कार्टेल बनाते थे , पर ज्यादा दिन चल नहीं पाता था। अब ईडी के छापे ने एक बार फिर शराब कारोबारियों में दरार पैदा कर दिया है।

प्रियंका के बस्तर यात्रा के मायने

पंडित जवाहरलाल, इंदिरा गांधी , राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी बस्तर का दौरा कर चुके हैं। कहते हैं बस्तर की जनता का गांधी परिवार से सीधा जुड़ाव है। लोग प्रियंका गांधी में इंदिरा गांधी की छवि देखते हैं। ऐसे में चुनावी साल में प्रियंका गांधी के बस्तर दौरे से कांग्रेस को फायदा ही होने वाला है। प्रियंका गांधी ने बस्तर के कार्यक्रम में जिस तरह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तारीफ की, उससे निश्चित रूप से उनका कद बढ़ा और नई छवि बनी। राज्य में सरकार बनाने के लिए बस्तर में कांग्रेस की अच्छी जीत जरुरी मानी जा रही है। प्रियंका गांधी की यात्रा के बहाने बस्तर की जनता के दिलो-दिमाग में एक बार गांधी परिवार का बसना तय माना जा रहा है , जिसका फायदा 2023 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिल सकता है।

एनडीटीवी में सेबी के पूर्व अध्यक्ष डायरेक्टर

अडानी समूह ने एनडीटीवी के बोर्ड में सुनील कुमार और अमन सिंह की जगह नई नियुक्ति कर दी है। दोनों हाल ही के महीनों में इस्तीफा दे दिया था। दोनों काफी कम दिनों के लिए एनडीटीवी के डायरेक्टर रहे। अब एनडीटीवी के डायरेक्टर और गैर-कार्यकारी अध्यक्ष सेबी के पूर्व अध्यक्ष यूके सिन्हा होंगे, वहीं वेलस्पन इंडिया की एमडी और सीईओ दीपाली गोयनका को गैर-कार्यकारी स्वतंत्र महिला निदेशक नियुक्त किया गया है। अडानी समूह ने एनडीटीवी के अधिग्रहण के बाद बड़े बदलाव करते हुए छत्तीसगढ़ के ब्यूरोक्रेट सुनीलकुमार और अमनसिंह को डायरेक्टर बनाया था, लेकिन दोनों ने अपने-अपने कारणों से इस्तीफा दे दिया, उसके बाद नए डायरेक्टर बनाए गए हैं।

नई परंपरा

भूपेश सरकार ने रिटायर्ड आईपीएस डी एम अवस्थी को संविदा नियुक्ति देते हुए ईओडब्ल्यू का मुखिया बनाकर नई परंपरा की शुरुआत की है। छत्तीसगढ़ के डीजीपी रहे अवस्थी साहब 31 मार्च को रिटायर हुए। सरकार ने पहले उन्हें ओएसडी बनाया, फिर ईओडब्ल्यू के मुखिया का चार्ज सौंपा। राज्य बनने के बाद यह पहली मर्तबा है रिटायर्ड अफसर को ईओडब्ल्यू का मुखिया बनाया गया है। छत्तीसगढ़ में फिलहाल ईओडब्ल्यू काफी महत्वपूर्ण हो गया है। ईओडब्ल्यू सामान्य प्रशासन विभाग के अधीन आता है। याने भूपेश बघेल के राज में ईओडब्ल्यू सीधे मुख़्यमंत्रो को रिपोर्ट करेगा। वैसे छत्तीसगढ़ में इन दिनों कुछ विभागों के सचिव और विभागाध्यक्ष संविदा वाले हैं।

कांग्रेस नेता के समर्थक भी ईडी के फेर में

कहते हैं ईडी के छापे की जद में आए एक कांग्रेस नेता के समर्थक भी ईडी के फेर में आ गए हैं। खबर है कि कांग्रेस नेता के समर्थकों से ईडी ने राजधानी से सटे एक जिले में जमीन की खरीदी-बिक्री के कागजात जब्त किए हैं। कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस के कुछ और बड़े नेताओं पर ईडी कार्रवाई कर सकती है। अब कार्रवाई कब होती है, यह देखना है। वैसे अभी राज्य में ईडी की कार्रवाई के चलते जेल में बंद लोगों को जमानत मिलेगी या नहीं। इस पर लोगों को ज्यादा दिलचस्पी है।

एक डीजे बने हाईकोर्ट जज,दूसरे चूके

कहते हैं छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जज के लिए कालेजियम के पास दो जिला जज का नाम गया था। इसमें दुर्ग के जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय कुमार जायसवाल हाईकोर्ट पहुंचने में सफल रहे। दूसरे जिला एवं सत्र न्यायाधीश हाईकोर्ट जज नहीं बन पाए। कहा जा रहा है कालेजियम ने उनके नाम को हरी झंडी नहीं दी।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार और पत्रिका समवेत सृजन के प्रबंध संपादक हैं।)

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