स्वास्थ्य

एम्स में दो किडनी प्रत्यारोपण ऑपरेशन; दोनों रोगी स्थिर, एक रोगी की बहन ने तो दूसरे की पत्नी ने दी किडनी

0 एम्स में अब तक किडनी के पांच सफल प्रत्यारोपण

रायपुर,अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के चिकित्सकों ने एसजीपीजीआई, लखनऊ के विशेषज्ञों की निगरानी में दो रोगियों का सफल किडनी प्रत्यरोपण किया है। दोनों रोगियों की स्थिति स्थिर है और उन्हें किडनी प्रदाता के साथ गहन निगरानी में रखा गया है।

जांजगीर चांपा जिले के 24 वर्षीय कॉलेज छात्र किडनी की गंभीर बीमारी से पीड़ित था। विगत छह माह से उसे हर हफ्ते नियमित रूप से तीन बार डायलिसिस की आवश्यकता पड़ रही थी। छात्र के माता-पिता मधुमेह से पीड़ित थे। अतः छात्र की 22 वर्षीय बहन ने अपनी किडनी दान की है। इस छात्र का शुक्रवार को किडनी प्रत्यारोपण कर दिया गया। दोनों भाई-बहन अभी स्वस्थ हैं और चिकित्सकों की गहन निगरानी में हैं।

दूसरा किडनी प्रत्यारोपण बलौदा बाजार के रहने वाले 46 वर्षीय किसान का किया गया। वह जुलाई 2022 से गुर्दा रोग से पीड़ित था। इसकी दोनों किडनी ने काम करना बंद कर दिया था। हाथ-पैर में सूजन, उल्टी और कमजोरी के लक्षण थे। किसान की पत्नी ने अपनी किडनी दान की है। दोनों रोगियों को ट्रांसप्लांट यूनिट में आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इस दंपत्ति के तीन बच्चे हैं।

दोनों रोगियों की सर्जरी एसजीपीजीआई, लखनऊ के डॉ. मोहम्मद अंसारी और डॉ. संजय सुरेखा के निर्देशन में एम्स रायपुर के यूरोलॉजी विभाग के डॉ. अमित शर्मा, डॉ. दीपक बिस्वाल एवं नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉ. विनय राठौड़ और डॉ. प्रदीप (एनेस्थिसिया) ने लगभग पांच घंटे में किया। डॉ. राठौड़ ने बताया कि एम्स में अब तक पांच किडनी का सफल प्रत्यारोपण किया जा चुका है। निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने चिकित्सकों की टीम को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है।

एम्स में किडनी प्रत्यारोपण से संबंधित प्री-ऑपरेटिव और पोस्ट ऑपरेटिव केयर के साथ रोगी और किडनी प्रदाता को काउंसलिंग के साथ डाइट के बारे में भी संपूर्ण जानकारी प्रदान की जाती है। पूर्व में किडनी प्रत्यारोपण करवा चुके रोगी भी यहां नियमित फॉलोअप के लिए आ रहे हैं। इन रोगियों का उपचार आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत पूर्णत निःशुल्क किया गया है।

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