कानून व्यवस्था

सड़क किनारे रील बना रहे चार किशोरों की वाहन की चपेट में आने से मौत

बिलासपुर, छत्तीसगढ के कोरबा जिले के ग्राम चैतमा के पास बिलासपुर- कटघोरा राष्ट्रीय राजमार्ग में सड़क निर्माण कार्य में लगी दिलीप बिल्डकांन लिमिटेड (डीबीएल) कंपनी की मिक्चर मशीन वाहन की चपेट में आने से चार नाबालिग की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। घटना के वक्त चारों किशोर इंटरनेट मीडिया के लिए रील बना रहे थे। घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने चक्काजाम कर दिया। 50-50 हजार मुआवजा राशि दिए जाने के बाद चक्काजाम समाप्त हुआ।

राष्ट्रीय राजमार्ग 130 का निर्माण कार्य डीबीएल कंपनी द्वारा किया जा रहा है। इस कार्य में कंपनी के निजी भारी वाहन भी लगे हुए हैं। बताया जा रहा है कि हितेश कुमार केवट 17 वर्ष, निर्मल सिंह टेकाम 16 वर्ष दोनों कुम्हार मोहल्ला चैतमा निवासी, अश्विन कुमार पटेल 17 वर्ष निवासी माझा मोहल्ला चैतमा तथा आकाश कुमार प्रजापति 17 वर्ष निवासी सड़क मोहल्ला चैतमा गोपालपुर से वापस लौट रहे थे। मार्ग में ओवरब्रिज के पास दो बालक खड़े होकर व दो बाइक में बैठ कर बातचीत कर रहे थे, तभी डीबीएल कंपनी की मिक्चर मशीन तेज गति से आई और चारों को अपनी चपेट में ले ली। गंभीर चोटें आने की वजह से घटना स्थल पर ही सभी की मृत्यु हो गई। घटना की सूचना मिलते ही स्थल पर भीड़ लग गई और नाराज ग्रामीणों ने चक्काजाम कर दिया। सूचना मिलने पर चैतमा पुलिस चौकी प्रभारी सुरेश जोगी भी बल के साथ स्थल पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाइश देने का प्रयास किए, पर ग्रामीण अड़े रहे। बाद में कंपनी द्वारा मृतकों के स्वजन को 50-50 हजार रूपये मुआवजा प्रदान किया गया। इसके बाद आंदोलन समाप्त हुआ। लोगों का कहना है कि गोपालपुर से लौटने के बाद चारों सड़क किनारे रील बना रहे थे, तभी वाहन ने टक्कर मारी और घटना में चारों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। चौकी प्रभारी सुरेश कुमार जोगी ने बताया कि बिलासपुर-अंबिकापुर राष्ट्रीय राजमार्ग में रात 9.30 बजे घटना हुई। नाबालिगों को डीबीएल कंपनी की मिक्चर मशीन वाहन ने अपनी चपेट में लिया। चौकी प्रभारी जोगी ने बताया कि दुर्घटनाकारित वाहन को जब्त कर आरोपित चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है। मंगलवार को सभी शव का पोस्टमार्टम करा अंतिम संस्कार के लिए स्वजनों को सौंप दिया गया।

सभी मध्यमवर्गीय परिवार के

चारों किशोर मध्यम वर्गीय परिवार से थे। इनमें एक सब्जी बेचने व दूसरा गैरेज में काम करता था, जबकि दो कुछ नहीं कर रहे थे। मंगलवार को गांव में चारों नाबालिग की अर्थी एक साथ उठी और अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान पूरे मोहल्ले में गमगीन माहौल रहा। गांव में निवासरत लोगों ने चारों को चारों दोस्तों को नम आंखो से विदाई दी। वहीं परिवार के लोगों का रो- रोकर बुरा हाल था।

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