कानून व्यवस्था

अब तक 14800 लडाके मारे गए; नक्सलियों का शहीदी सप्ताह शुरू, यात्री ट्रेनों के थमे पहिए

रायपुर, छत्तीसगढ़ के बस्तर में आज 28 जुलाई से नक्सलियों का शहीदी सप्ताह शुरू हो गया है, जो 3 अगस्त तक चलेगा। नक्सलियों के इस शहीदी सप्ताह के देखते यात्री ट्रेनों के पहिए भी थम गए हैं। किरंदुल-विशाखापट्टनम पैसेंजर और नाइट एक्सप्रेस ये दोनों ट्रेनें दंतेवाड़ा दे आगे किरंदुल नहीं जाएंगी। यानी दंतेवाड़ा ही इन दोनों ट्रेनों का अंतिम स्टॉपेज होगा। हालांकि, धीमीगति से मालगाड़ियों की आवाजाही बरकरा रहेगी। पिछले 60 वर्षों में अब तक 14800 लडाके मारे जा चुके है।

दरअसल, किरंदुल-कोत्तावालसा रेलवे लाइन पर दंतेवाड़ा से किरंदुल के बीच का पैच नक्सलियों का गढ़ है। यहां बासनपुर-झिरका के घने जंगल में माओवादी ज्यादातर रेल पटरियों को उखाड़ ट्रेनों को डिरेल करते हैं। इसी दहशत की वजह से इस बार भी यात्री ट्रेनों के परिचालन पर ब्रेक लग गया है। धीमी गति से मालगाड़ी आना-जाना करेगी। उधर, कमालूर में पुलिस कैंप स्थापित होने के बाद से इलाका थोड़ा शांत तो जरूर हुआ है, लेकिन माओवादियों की उपस्थिति अब भी बरकरार है।

भांसी रेलवे स्टेशन में बांधा था बैनर

दंतेवाड़ा-किरंदुल रेलवे मार्ग के बीच स्थित भांसी रेलवे स्टेशन में कुछ दिन पहले नक्सलियों ने बैनर बांधा था। बैनर के माध्यम से नक्सलियों ने 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीदी सप्ताह मनाने की बात लिखी थी। जिसके बाद से बस्तर में फोर्स को अलर्ट कर दिया गया। कहीं नक्सली ट्रेनों को नुकसान न पहुंचा दें इसलिए परिचालन पर ब्रेक लगा दिया गया है।

 छत्तीसगढ़ में सक्रिय माओवादी संगठन अपने ऐलान के मुताबिक़ शुक्रवार 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीदी सप्ताह मनाने वाले हैं। वही इससे पहले नक्सलियों ने नोट जारी करते हुए संगठन के नफे-नुकसान का आंकड़ा भी पेश किया है। दावे के मुताबिक प्रेसनोट में उन्होंने जो आंकड़े दिए है वह सन 1967 से लेकर 2023 तक यानी पिछले 60 सालों के है। नक्सलियों के केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय की तरफ जारी नोट में बताया गया है कि सन 1967 से लेकर 2023 तक 1169 महिला नक्सली समेत कुल 14 हजार 8 सौ नक्सलियों की मौत हो चुकी है।

क्या है नक्सलियों का शहीदी सप्ताह

अलग-अलग पुलिस पुलिस-नक्सली मुठभेढ़ो में मारे गए नक्सलियों की याद में हर साल 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीदी सप्ताह मनाते हैं। अपने शहीदी सप्ताह के दौरान नक्सली बस्तर बंद का आह्वान करते हैं और बंद के दौरान अंदरूनी क्षेत्रो में चल रहे निर्माण कार्यो को प्रभावित करने से लेकर यात्री बसों और (Naxalites Shahidi Saptah 2023 News) रेलमार्ग में भी बड़ी घटनाओं को अंजाम देते हैं। इस साल भी नक्सली अपने बंद को सफल बनाने के लिए शहीदी सप्ताह शुरू होने के पहले ही संभाग के अलग-अलग जिलों में अपनी सक्रियता बढ़ा दिए हैं। दूसरी तरफ पुलिस ने भी नक्सली हिंसा के मद्देनजर अपनी कमर कस ली है। भीतरी इलाको के फ़ोर्स को अलर्ट पर रखा गया हैं। वीआईपी मूवमेंट पर अतिरिक्त सुरक्षा दी जा रही है। साथ ही नक्सलियों के उत्पात को देखते हुए पुलिस के जवानो को विशेष एहतियार बरतने के निर्देश दिए हैं।

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