कानून व्यवस्था

इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले की फिर होगी जांच;कोर्ट ने दी अनुमति,सीएम बघेल ने ट्वीट करके रमन सिंह समेत कई नेताओं का लिया नाम

रायपुर, छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले की जांच फाइल एक बार फिर खुलने वाली है। कोर्ट ने इस मामले की फिर से जांच करने की अनुमति दे दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खुद ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है। लगभग 17 साल पुराने इस मामले की फाइल ठीक विधानसभा चुनाव से पहले खुलने की खबर से सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई है।

इंदिरा बैक घोटाले का नाम जब सामने आया था तब मैनेजर के नार्को टेस्ट में घोटाले से जुड़े सफेदपोशों के नाम सामने आए थे। जो पिछली सरकार में बेहद प्रभावशाली थे। इसलिए चुनाव से पहले इसकी जांच की अनुमति मिलने से अटकलें तेज हो गई है।राजधानी रायपुर के बैंक घोटाले की जांच के लिए राज्य सरकार ने मामले की जांच नए सिरे से कराने के लिए हाईकोर्ट से अनुमति मांगी थी। जो अब मिल गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट करके लिखा है कि माननीय न्यायालय ने जनता की गाढ़ी‌ कमाई के पैसों के गबन के प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले की जांच की अनुमति दे दी है।

नार्को टेस्ट में प्रमुख अभियुक्तों में से एक उमेश सिन्हा ने बताया‌ था कि उसने तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनके मंत्रियों अमर अग्रवाल, बृजमोहन अग्रवाल और रामविचार नेताम सहित कई भाजपा नेताओं को करोड़ों रुपए दिए थे। बैंक संचालकों सहित कई अन्य लोगों को भी पैसे दिए गए। भ्रष्टाचार उजागर होना चाहिए। दोषियों को सजा मिलनी ही चाहिए। इस ट्वीट के साथ एक वीडियो भी जारी किया गया है, जिसमें बैंक मैनेजर के नार्को टेस्ट की वीडियोग्राफी का अंश है।
अब जानिए पूरा मामला
साल 2006 में आर्थिक अनियमितता पाए जाने पर इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक बंद हुआ था। जानकारी के मुताबिक इंदिरा बैंक में 54 करोड़ का घोटाला सामने आने के बाद सभी खातेदारों में हड़कंप मच गया था। बैंक में करीब 22 हजार खातेदार थे। घोटाला उजागर होने के बाद बैंक ने अपने आप को डिफाल्टर घोषित कर दिया था और इंश्योरेंस कंपनियों की मदद से खातेदारों को राशि भी लौटाई थी। लेकिन यह राशि काफी कम थी। इस मामले में बैंक के तत्कालीन मैनेजर उमेश सिन्हा का नार्को टेस्ट भी किया गया था। उन्होंने बताया कि अभी भी बैंक के बहुत से खातेदार ऐसे हैं, जिनके पैसे पूरी तरह से डूब गए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button