कानून व्यवस्था

अजा-जजा  वर्ग के युवाओं का भड़का गुस्‍सा; नग्न होकर किया प्रदर्शन

रायपुर,  छत्‍तीसगढ़ में फर्जी जाति प्रमाण पत्र (Fake Caste Certificate Job) के सहारे सरकारी नौकरी मामले में अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के आंदोलित युवाओं का गुस्‍सा मंगलवार को भड़क गया। बड़ी संख्‍या में अनुसूचित जाति जनजाति के आंदोलित युवाओं निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन किया। फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में आरोपितों को सरकारी संरक्षण देने के खिलाफ तथा उनपर कठोर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन के लिए विधानसभा की ओर कूच कर रहे थे। इसी दौरान पुलिस ने नग्‍न प्रदर्शन कर रहे एससी-एसटी वर्ग के युवाओं को गिरफ्तार कर लिया।

दरसअल, फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले में छत्तीसगढ़ सरकार के कार्रवाई से अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवा अब सरकार से नाराज है। मसलन जिस फर्जी जाति प्रकरणों की जांच सरकार ने करवाई उसमें पाये गए दोषियों के खिलाफ सरकारी फरमान के बावजूद तीन वर्ष बाद भी कार्रवाई नहीं की गई। वहीं फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारकों को महत्वपूर्ण पदों में व प्रमोशन दिया जा रहा है।

इससे अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के युवा आंदोलित हो गए है, इसे लेकर अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के युवाओं ने मोर्चा खोल दिया और पिछले दिनों वे आमरण अनशन पर बैठ गए। प्रदर्शन के दौरान आंदोलनकारी के तबीयत बिगड़ गई लेकिन सरकार और प्रशासन का रवैया उदासीन रहा जिसके बाद आंदोलनकारी आमरण अनशन को स्थगित कर आगामी होने वाले मानसून विधानसभा सत्र में निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन करने जा रहे हैं।

सरकार की गठित समिति ने पाए 267 मामले फर्जी

छत्तीसगढ़ सरकार ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र की शिकायतों की जांच करने उच्चस्तरीय जाति छानबीन समिति का गठन किया था। समिति को वर्ष 2000 से लेकर 2020 तक के कुल 758 प्रकरण मिले, जिसमें से 659 की जांच की गई। इसमें 267 प्रकरणों में जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए। लगभग सभी सरकारी विभागों में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले पाए गए हैं। इसमें सबसे अधिक खेल एवं युवा कल्याण विभाग में 44 मामले हैं, वहीं भिलाई स्पात संयंत्र में 18 और सामान्य प्रशासन विभाग और कृषि विभाग में 14-14 मामले हैं।

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