स्वास्थ्य

कलेक्टर की हिदायत-मरीजों का उपचार प्राथमिकता और संवेदनशीलता के साथ किया जाए

कलेक्टर ने ली स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक

महासमुन्द, कलेक्टर प्रभात मलिक ने आज जिला पंचायत के सभाकक्ष में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक लेकर स्वास्थ्य केन्द्रों में बेहतर और त्वरित उपचार के निर्देश दिए। उन्होंने सभी खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को स्वास्थ्य केन्द्रों को नियत समय पर खोलने और मरीजों को समय पर उपचार उपलब्ध कराने कहा है।

श्री मलिक आज स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा में शासन द्वारा चलाए जा रहें स्वास्थ्य योजनाओं की व्यापक समीक्षा की। इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पी. कुदेशिया, मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ. बसंत महेश्वरी, डीपीएम नीतू धृतलहरे, एवं सभी बीएमओ, नोडल अधिकारी व आयुष विभाग के चिकित्सक उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री प्रभात मलिक ने बैठक में कहा कि यदि कोई मरीज उपचार के लिए अस्पताल पहुंचते हैं, तो उनका उपचार प्राथमिकता और संवेदनशीलता के साथ किया जाए। चिकित्सक बेहतर से बेहतर उपचार करें जिससे मरीज अस्पताल से खुश होकर लौटे। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सा अधिकारियों को आधारभूत स्वास्थ्य सुविधाएं जैसे प्रगेनेंसी टेस्ट, सिकल सेल, टीकाकरण अन्य टेस्ट आदि की उपलब्धता सुलभता के साथ उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में ओपीडी बढ़ाया जाए। कलेक्टर ने सिकल सेल नियंत्रण एवं उपचार के संबंध में समीक्षा करते हुए कहा कि इसकी ज्यादा से ज्यादा जांच सुनिश्चित हो। धनात्मक  प्रकरणों को इलेक्ट्रोफोरेसिस टेस्ट के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा जाए।
बैठक में सभी सामुदायिक केन्द्रों में ब्लड स्टोरेज यूनिट संचालित करने के निर्देश दिए है। बरसात में संभावित डायरिया के प्रकरण के पहले से रोकथाम के लिए पीएचई विभाग से समन्वय कर पानी टंकियों की सफाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यदि डायरिया व पीलिया के एक भी प्रकरण आए तो उसे संज्ञान में लेते हुए उपचार सुनिश्चित करें।

मौसमी बीमारी से बचाव के लिए रैपिड रिस्पांस टीम को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना के तहत जटिल बीमारियों की पहचान होने पर उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अथवा उच्चतर उपचार के लिए जिला अस्पताल रेफर करने निर्देश दिए गए हैं। साथ ही योजनांतर्गत सघन जांच के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश की घटना से बचने के लिए जागरूकता हेतु प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य केन्द्रों में आवश्यक उपचार के लिए दवाई व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने कहा गया है।

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