स्वास्थ्य

छत्‍तीसगढ़ में आई फ्लू का कहर; अब तक 20 हजार केस, वायरस का पता लगाने जांच के लिए भेजे गए सैंपल,सीएम ने ली बैठक

रायपुर, छत्‍तीसगढ़ में पिछले एक सप्ताह में आंखों की बीमारी कंजक्टिवाइटिस (पिंक आई) के 20 हजार से अधिक मरीज मिल चुके हैं। तेजी से फैल वायरस का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने रायपुर मेडिकल कालेज में सैंपल कल्चर एंड सेंसिविटी जांच के लिए भेजे गए हैं। इधर इधर केंद्र सरकार ने बीमारी के संबंध में राज्य शासन से जानकारी मांगी है।

इधर आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में कंजेक्टिवाइटिस की रोकथाम के उपायों की समीक्षा कर रहे हैं। बैठक में उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन सहित स्वास्थ्य विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित हैं।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कंजक्टिवाइटिस के सैंपल से यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि फैल रहा वायरस किस तरह का है और इसमें किस दवा का उपयोग कारगर साबित होगा। सैंपल रिपोर्ट आज आने की उम्मीद है, जिसमें वायरस से जुड़े सारी रिपोर्ट होंगे।

बता दें कंजक्टिवाइटिस के इलाज के लिए सभी शासकीय अस्पतालों में निशुल्क जांच व इलाज की सुविधा है। स्वास्थ्य विभाग शिविरों के माध्यम से जांच, इलाज व जागरूता अभियान चला रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने कंजक्टिवाइटिस की रोकथाम के लिए स्कूल शिक्षा और आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के संचालक को परिपत्र जारी किया है।

स्वास्थ्य विभाग ने दोनों विभागों को स्कूलों, छात्रावासों, आवासीय विद्यालयों तथा आश्रम-छात्रावासों में कंजक्टिवाइटिस से बचाव के लिए आवश्यक निर्देश प्रसारित करने को कहा है। स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों को इस संक्रमण के लक्षणों, उपचार और बचाव की जानकारी देने भी कहा है।

आई ड्राप छह बार, एक-एक बूंद, तीन दिनों तक

स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा अधिकारियों ने बताया कि कंजक्टिवाइटिस आंख की आम बीमारी है जिसे हम आंख आना भी कहते हैं। इस बीमारी में रोगी की अांख लाल हो जाती है, कीचड़ आता है, आंसू आते हैं, चुभन होती है तथा कभी-कभी सूजन भी आ जाती है। कंजक्टिवाइटिस होने पर एंटीबायोटिक ड्राप जैसे जेंटामिसिन, सिप्रोफ्लाक्सिन, माक्सीफ्लाक्सिन, आई ड्राप आंखों में छह बार एक-एक बूंद तीन दिनों के लिए मरीज को देना चाहिए। तीन दिनों में आराम न आने पर किसी अन्य बीमारी की संभावना हो सकती है। ऐसे में नेत्र विशेषज्ञ के पास दिखाना उचित होता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button